Chhatarpur। मध्यप्रदेश के छतरपुर शहर और आस-पास के कई दूसरे शहरों में कोई भी मानसिक रोगी या सड़क पर घूमता बेसहारा शख्स नज़र आता है, तो लोग उसकी जानकारी पुलिस या अस्पताल में देने के बजाय, छतरपुर के ही एक वकील, संजय शर्मा को देते हैं। 32 साल में वे ऐसे एक हजार से ज्यादा लोगों को जीवन को संवार चुके हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए लोग उन्हें पागलों का वकील कहते हैं। जाने कौन हैं मध्यप्रदेश के छतरपुर के रहने वाले संजय शर्मा।
कहानी मध्यप्रदेश के छतरपुर के उस शख्स की जिन्होंने मानसिक विक्षप्त लोगों के जीवन को संवारा। सड़कों पर घूमते, मैले कुचैले कपड़े पहने मानसिक रूप से बीमार को देख लोग अपना मुंह फेर लेते हैं। लेकिन छतरपुर के डॉ संजय शर्मा इन लोगों के इलाज के लिए कई सौ मील का सफर तय करते हैं। विक्षप्त लोगों के नहलाने, खिलाने पिलाने से लेकर उनका इलाज भी करते हैं।
32 साल में वे ऐसे एक हजार से ज्यादा लोगों को जीवन को संवार चुके हैं। उनकी सेवा से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता है। उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए लोग उन्हें पागलों का वकील कहते हैं। संजय न तो डॉक्टर हैं और न ही मानसिक रोगियों के लिए कोई NGO चलाते हैं। पागलों के मसीहा संजय शर्मा को कई 93 बार मप्र सरकार एवं केंद्र सरकार ने पुरस्कृत करके पुरस्कारों से नवाजा गया तो वही इनको महार्षी ददीची से भी पुरस्कृत किया।