एम्स्टर्डम : दुनिया में अक्सर सीमाओं को लेकर देशों के बीच विवाद और तनाव की खबरें आती रहती हैं। कई बार यह तनातनी युद्ध में बदल जाती है, जिससे भारी जान-माल की हानि होती है। लेकिन यूरोप में एक ऐसा भी शहर है जहां सीमा विवाद की बजाय सीमाएं मेल-मिलाप और अनोखापन का प्रतीक बन गई हैं। यह शहर है बार्ले (Baarle), जो नीदरलैंड और बेल्जियम की सीमा पर स्थित है।
एक ही घर में दो देश
बार्ले शहर का कुछ हिस्सा नीदरलैंड में आता है, जिसे बार्ले-नासायु (Baarle-Nassau) कहा जाता है, और कुछ हिस्सा बेल्जियम में, जिसे बार्ले-हेरटोग (Baarle-Hertog) के नाम से जाना जाता है। यहां की सीमा रेखा को सफेद क्रॉस के चिन्हों से चिह्नित किया गया है। सबसे खास बात यह है कि कई घरों के भीतर से यह सीमा गुजरती है – यानी एक ही घर का एक कमरा नीदरलैंड में और दूसरा बेल्जियम में होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति अपने बिस्तर पर करवट बदले, तो वह एक देश से दूसरे देश में चला जाता है!
अनोखी नागरिकता व्यवस्था
यह अनूठा भू-भाग 1830 में बेल्जियम के नीदरलैंड से अलग होने के बाद अस्तित्व में आया। जब सीमा निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हुई, तो सर्वेक्षकों ने इस इलाके की जटिलता को देखते हुए कई स्थानों को बाद में तय करने का फैसला किया। बाद में जब सीमाएं खींची गईं, तब तक शहर में घरों, दुकानों और सार्वजनिक स्थलों का बंटवारा हो चुका था।
दो देश, लेकिन साझा व्यवस्था
बार्ले की एक और विशेषता यह है कि यहां हर चीज दो-दो बार मौजूद है—दो नगरपालिकाएं, दो डाकघर, दो कानून व्यवस्था, लेकिन इन सब का संचालन एक साझा समिति करती है। इसी अनोखेपन के चलते यह शहर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। लोग यहां आकर दो देशों की सीमा पर खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाते हैं।