-
52 Shaktipeeths 44 Shrishail Mahalaxmi Shaktipeeth: बांग्लादेश के सिलहट जिले में स्थित श्रीशैल महालक्ष्मी शक्तिपीठ के इतिहास, महत्व, स्थान, पहुँच मार्ग और विशेषताओं के बारे में जानें। बिना छत वाले इस अनोखे मंदिर में माँ महालक्ष्मी भैरवी की पूजा होती है।
और भी...
|
-
रोहिणी नक्षत्र और कलानिधि योग के शुभ संयोग बनने से कर्क, वृश्चिक और मेष राशि वालों को लापरवाही करने से नुकसान होगा.
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 43 Jayanti Shaktipeeths : भारत और बांग्लादेश में शक्ति उपासना के प्रमुख केंद्रों में जयंती शक्तिपीठ का विशेष स्थान है। यह शक्तिपीठ 52 प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। बांग्लादेश के सिलहट और मेघालय के नर्तियांग—दोनों स्थानों पर मान्यता प्राप्त जयंती शक्तिपीठ का इतिहास, पौराणिक महत्व, स्थान, श्रद्धा और रोचक तथ्य जानें।
और भी...
|
-
भरणी नक्षत्र और गजकेसरी योग के शुभ संयोग बनने से मकर, मिथुन और कर्क राशि वालों के जीवन की समस्याएं खत्म होंगी, साथ ही मान-सम्मान में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं.
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 42 Sugandha Shaktipeeth: सुगंधा शक्तिपीठ, बरिसाल (बांग्लादेश) स्थित 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां देवी सती की नाक गिरी थी। सुगंधा नदी किनारे बसे इस मंदिर में देवी सुनंदा और भगवान त्र्यम्बक की पूजा की जाती है। जानें इतिहास, मान्यता, पहुंच मार्ग और मंदिर की वास्तुकला।
और भी...
|
-
अश्विनी नक्षत्र और आदित्य मंगल योग के शुभ संयोग बनने से मिथुन, तुला और मेष सहित इन राशि वालों का मनोरंजन भरा रहेगा, साथ ही कई महत्वपूर्ण कार्य भी सफल होंगे.
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 41 Chattal Bhawani Shaktipeeth: चट्टल भवानी शक्तिपीठ बांग्लादेश के चटगांव जिले में स्थित 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ देवी सती की दाहिनी भुजा गिरी थी। चंद्रनाथ पहाड़ियों पर बसे इस दिव्य स्थल तक कैसे पहुँचे और आसपास कौन-कौन से पवित्र स्थान हैं जानिए पूरी जानकारी।
और भी...
|
-
रेवती नक्षत्र और नवम पंचम योग का शुभ संयोग आज कई राशियों को करियर, धन और नए अवसरों का लाभ देने वाला है। विशेष रूप से सिंह, तुला और वृषभ राशि वालों के लिए आज का दिन नए आरंभ और तरक्की का संकेत लेकर आया है।
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 40 Mithila Shaktipeeth: मिथिला शक्तिपीठ भारत–नेपाल सीमा पर स्थित एक प्रमुख शक्ति धाम है, जहां माता सती का वाम स्कंध गिरा था। जनकपुर, उच्चैठ और उग्रतारा तीनों मंदिरों को मिलाकर यह शक्तिपीठ पूर्ण माना जाता है। जानें इतिहास, महत्व और लोकमान्यताएँ।
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 39 Kamakhya Shaktipeeth: भारत के 52 शक्तिपीठों में सबसे महत्वपूर्ण कामाख्या मंदिर जहां देवी के प्राकृतिक योनिकुंड की पूजा होती है। जानें मंदिर का इतिहास, महत्व, तांत्रिक परंपराएं और अंबुबाची मेले की खासियत।
और भी...
|
-
शतभिषा नक्षत्र और ग्रहण योग के शुभ संयोग बनने से धनु, मेष और कुंभ राशि वालों को अकस्मात लाभ मिलेगा, साथ ही उसके सुख-साधनों में विशेष वृद्धि होगी.
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 38 Karnataka Chamundeshwari Shaktipeeth: कर्नाट चामुंडेश्वरी शक्तिपीठ, मैसूर की चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है जहाँ देवी चामुंडेश्वरी की पूजा होती है। जानें इसका इतिहास, महत्व, पौराणिक मान्यताएँ और वास्तुकला से जुड़ी खास बातें।
और भी...
|
-
धन योग और वसुमान योग के शुभ संयोग बनने से वृश्चिक,धनु और वृषभ राशि को कमाई करने के नए अवसर मिलेंगे, धन कोष में भी वृद्धि होगी.
और भी...
|
-
52 Shaktipeeths 37 Srisailam Shaktipeeth: आंध्र प्रदेश का श्रीशैलम शक्तिपीठ, जहाँ देवी सती की गर्दन गिरी थी, श्रीशैलम/ भ्रामराम्बा शक्तिपीठ और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है। नल्लामाला पहाड़ियों में बसे इस पवित्र स्थल को ‘दक्षिण का कैलाश’ भी कहा जाता है।
और भी...
|
-
श्रवण नक्षत्र और शुक्रादित्य योग त्रिग्रह योग के संयोग से सिंह, वृश्चिक और मिथुन राशि वालों को स्टील का बिजनेस से लाभ प्राप्त होगा, विरोधियों से रहें सावधान।
और भी...
|