chhattisgarh election 2023: छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बाकी है. अब राज्य की सियासत तेजी से चुनावी मोड में जाती दिख रही है. इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या हो सकता है?
राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो इस बार भी पिछले चुनाव की तरह धान की कीमत चुनावी मुद्दों पर केंद्र में हो सकती है पिछले चुनाव में धान की कीमत ₹25 क्विंटल देने का वादा करके सरकार में आई कांग्रेस इस बार अगर धान की कीमत पर दाव लगाती है और जवाब में भाजपा भी इसी मुद्दे पर आती है तो इस बात की प्रबल संभावना है कि चुनावी घोषणा पत्रों में धान की कीमत ₹3000 प्रति क्विंटल तक जा सकता है.
कांग्रेस ने चला है प्रति एकड़ 20 क्विंटल का दांव
केंद्र सरकार द्वारा घोषित धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य अब ₹2040 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹2143 हो गया है. इस तरह समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 143 रुपए की बढ़ोतरी केंद्र सरकार ने की है. राज्य सरकार किसानों को प्रति एकड़ ₹9000 प्रोत्साहन राशि के रूप में देती है. इसके साथ ही राज्य सरकार इसी खरीफ सीजन से किसानों से 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदेगी. केंद्र से मिलने वाले समर्थन मूल्य पर किसानों को 2182 रुपए के हिसाब से 1 एकड़ पर 20 क्विंटल के हिसाब से 43660 रुपए मिलेंगे. इस राशि में राज्य सरकार की प्रोत्साहन राशि 9 हजार रुपए जोड़ने पर यह राशि ₹52660 होती है.
इस साल एमएसपी 2633 रुपए:
छत्तीसगढ़ के धान उत्पादक किसानों को अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने पर प्रति क्विंटल ₹2633 मिलेंगे यह कीमत इसलिए कि केंद्र सरकार ने हाल में ही धान के समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल 143 रुपए की बढ़ोतरी की है. धान की यह कीमत किसानों को देश भर में सबसे अधिक मिल रही है.
धान की कीमत जा सकती है 3000 रुपए के पार:
पिछले विधानसभा चुनाव से सबक लेने के बाद माना जा रहा है कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा 2023 के चुनाव अभियान में धान की कीमत को मुद्दा बना सकती है. भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने धान के मुद्दे को लेकर जो संकेत दिए हैं उससे यह संभावना बनती दिख रही है. राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार, कांग्रेस के मुकाबले के लिए भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में धान की कीमत ₹3000 देने की घोषणा कर सकती है. दरअसल धान और किसान की राजनीति में भाजपा के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है.