छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलंपिक 2025 का समापन भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत और राजगीत से हुई, जिसके बाद अमित शाह ने दीप प्रज्वलन कर समारोह का उद्घाटन किया।
मंच पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री केदार कश्यप, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव और सांसद महेश कश्यप सहित कई मंत्री और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
3550 खिलाड़ियों की भागीदारी, 11 खेलों का आयोजन
बस्तर ओलंपिक में संभाग के 7 जिलों से कुल 3550 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में 11 विभिन्न खेलों को शामिल किया गया। उल्लेखनीय बात यह रही कि 700 से अधिक आत्मसमर्पित नक्सली खिलाड़ी भी प्रतियोगिताओं का हिस्सा बने, जो बस्तर में बदलते सामाजिक वातावरण का प्रतीक है।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे, जिससे आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।
खेल जगत की हस्तियों ने बढ़ाया खिलाड़ियों का हौसला
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया भी जगदलपुर पहुंचे। उन्होंने खिलाड़ियों से संवाद किया और बस्तर ओलंपिक में शामिल होकर प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
अमित शाह का ऐलान: 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह लक्ष्य तय किया है कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं फिर बस्तर आएंगे और तब तक यह संकल्प पूरा हो चुका होगा।
उन्होंने बताया कि कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा—ये 7 जिले वर्ष 2030 तक देश के विशिष्ट जिलों में शामिल होंगे। अगले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित संभाग बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
पुनर्वास, वनोपज और रोजगार पर विशेष जोर
अमित शाह ने कहा कि बस्तर में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नक्सलवाद छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वालों के लिए सम्मानजनक और सुरक्षित पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने नक्सल संगठनों में शामिल युवाओं और बच्चों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें।
बस्तर अब भय का नहीं, विकास का प्रतीक
गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर अब डर और हिंसा की पहचान नहीं रहा, बल्कि विकास और खेल की नई मिसाल बन रहा है। आने वाले समय में बस्तर के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुना गया है।