MP Sarkari Teacher News: मध्यप्रदेश के दमोह जिले में शिक्षा विभाग ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है, जिसमें कई शिक्षक फर्जी मार्कशीट के आधार पर वर्षों से सरकारी नौकरी कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि लगभग 40 शिक्षकों ने जाली दस्तावेजों के दम पर शासकीय शिक्षण पदों पर नियुक्ति हासिल की थी। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई शिक्षक दो से ढाई दशक से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं और अब तक करोड़ों रुपये वेतन के रूप में प्राप्त कर चुके हैं।
24 पर FIR के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने अब 24 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। इन मामलों में संबंधित विश्वविद्यालयों से जांच के बाद यह पुष्टि हो चुकी है कि उनके द्वारा जमा की गई डिग्रियां और अंकसूचियां फर्जी थीं। शेष 16 मामलों की जांच फिलहाल चल रही है।
पहले ही हो चुकी 10 की बर्खास्तगी
इनमें से 10 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि बाकी मामलों में शिक्षा विभाग ने संयुक्त संचालक एवं भोपाल मुख्यालय के स्तर पर जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन फर्जी नियुक्तियों की शिकायत दो साल पहले की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद ही प्रशासन को सक्रिय होना पड़ा।
फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अब तक अज्ञात
भले ही दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू हो गई हो, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन फर्जी दस्तावेजों को तैयार किसने किया। न ही किसी ऐसे गिरोह की पहचान हुई है, जो फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाकर सरकारी पदों पर नियुक्तियां दिलवा रहा है। बता दें कि इस घोटाले ने न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की साख पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उन योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य को भी प्रभावित किया है, जिन्हें नियमपूर्वक चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था।