रायपुर: आज छत्तीसगढ़ में स्थानीय त्योहार छेरछेरा मनाया जा रहा है, पौष महीने की पूर्णिमा को हर साल छेरछेरा पर्व मनाया जाता है. स्थानीय लोग एक दिन एक साथ मिलकर त्यौहार मनाते है. इस पर्व में छोटे बच्चों की विशेष भूमिका होती है. सुबह से ही बच्चे, युवक और युवतियां हाथ में टोकरी,बोरी लेकर घर-घर छेरछेरा मांग रहे हैं.
सीएम ने प्रदेशवासियों को दी बधाई:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है, अपने सोशल मीडिया पर लिखा है कि आप जम्मो भाई-बहिनी, सियान-संगवारी मन ल लोक परब छेरछेरा के गाड़ा-गाड़ा बधई अउ सुभकामना। छेरछेरा तिहार दान-पुन के परब हरय। हमर छत्तीसगढ़ म दान के बहुत पुराना परंपरा हवय। संगवारी हो, हमर परंपरा ल हमन ल सहेज के रखना हे। छत्तीसगढ़ महतारी अउ माता शाकम्भरी के कृपा ले हमर छत्तीसगढ़ म खुशियाली अउ हरियाली बने रहे, इही कामना हे।
क्यों मनाया जाता है छेरछेरा तिहार:
इस समय धान की मिंसाई होने के कारण हर घर में धान का भंडार होता है. इसलिए छेरछेरा मांगने वाले लोगों को हर घर से नया धान और नकदी राशि मिलती है सभी किसान अपनी नई फसल का चावल दान करते हैं. धान कटाई और मिसाई के बाद धान को बेचकर सभी किसान खेती पूरी कर के खाली हो जाते हैं.इसी के उपलक्ष्य में ये त्यौहार मनाया जाता है.