MP Government Hospitals : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार फैसले पर फैसले लेती जा रही है। इसी कड़ी में सीएम मोहन यादव ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके तहत अब सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डाक्टर भी इलाज कर सकेंगे।
जी हां अब प्राइवेट डाक्टर भी सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे सकेंगे, मरीजों का इलाज कर सकेंगे। इस व्यवस्था से उन मरीजों को लाभ मिलेगा जो प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करा पाते है। ऐसे में सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज महंगे इलाज से बच जाएंगे। साथ ही प्राइवेट डाक्टरों को सरकारी अस्पतालों में इलाज करने के लिए सरकार की ओर से पैसा भी दिया जाएगा।
प्रदेश में लागू होगी व्यवस्था
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ये व्यवस्था लेकर आ रही है। सरकार के नए फॉर्मूलें के अनुसार रोगी कल्याण समिति प्राइवेट डॉक्टरों का चयन करेगी। चयन किए गए प्राइवेट डॉकटर सप्ताह में एक दिन दो घंटे अपनी सेवाएं देंगे। इसके लिए सरकार हर विजिट पर 2 से 3 हजार रूपये देगी। सरकार के इस फॉर्मूले से मरीजों को सही समय पर पर्याप्त इलाज मिल सकेगा।
प्रदेश में इतने पद खाली
आपको बता दें कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 2374 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली है। जिसमें 1054 चिकित्सा अधिकारी, 314 अधिकारी डेंटिस्ट के पद खाली हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 42 प्रतिशत पद, 332 पद महिला रोग विशेषज्ञों के खाली है। जिसके चलते सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है। इस परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट डॉक्टरों को इलाज करने का फॉर्मूला तैयार किया है। हालांकि सरकार खाली पदों पर भर्ती करेगा, लेकिन भर्ती कब होगी यह अभी तय नहीं है।