मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के माध्यम से सरकार गांव-गांव में पानी पहुंचाने का काम कर रही है। जिससे अब साठ फीसदी गांवों में पानी पहुंचने में सफल हो गई है। लेकिन अब भी कुछ ऐसे गांव है जहां पर अभी भी पानी नहीं पहुंच पाया है। और भीषण गर्मी का समस्या अलग से करना पड़ रहा है। इनमें कुछ ऐसे लोग भी है। जो मिशन का पानी गांव तक पहुंचे का इंतजार कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग ने इंतजार करने की जगह पर खुद ही इसका समाधान निकाल लिया। ये मामला भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के बैरागी गांव की है। जहां के लोगों ने कुछ ऐसा ही किया कि, ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी सहायता से गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए के अपने स्तर पर समाधान खोजा है।
ऐसे खत्म किया पेयजल की दिक्कत :
दरअसल इस गांव के लगभग 80 परिवारों ने एक साथ मिलकर नहर से गांव तक पानी लाने का रास्ता बना लिया है। और नहर की चट्टानों को उन्होंने पाइप के आकार में काट कर लकड़ियों को पाइप की तरह तैयार किया है। ग्रामीणों ने भीषण गर्मी में पानी की कमी पूरा करने के लिए करीब एक किलोमीटर लंबी मिट्टी की नाली बनाई है। इस पहले यहां के लोगों को पानी के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब लकड़ी की पाइप के सहारे से हर घर में पानी आने से पेयजल की दिक्कत खत्म हो गई है।
जल संकट का निकला स्थायी समाधान :
इसके साथ ही अब वह खेती बाड़ी और नित्य क्रिया में भी पानी की परेशानियों से राहत मिल गई है। ये काम सभी ग्रामीणों के सहयोग से ही सम्भव हो सका है। गांव के हर घर तक इस जुगाड़ से पानी पहुंचाया जा रहा है, और जिस घर में पानी की जरूरत है, पानी का रुख उस तरफ मोड़ दिया जाता है। जिससे गांव के लोग इस पानी का उपयोग घरेलू कामों और खेती-किसानी में भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। 300 की आबादी वाले इस गांव के लोगों के अब जल संकट की इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल लिया है।
विधायक ने बताया दिलाया भरोसा :
इस पर सन्दर्भ में भरतपुर सोनहत विधायक रेणुका सिंह कहा कि, लकड़ी के पोल से हर घर तक ग्रामीणों ने पानी पहुंचाने का कार्य किया है। ग्रामीणों की यह पहल काबिले तारीफ है। यहां के लोगों को विधायक होने के नाते मैं भरोसा दिलाती हूं कि डबल इंजन सरकार के जरिये यहां जल्द ही लकड़ी के पोल से नही, बल्कि गांव में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचेगा।