डोंगरगढ़// राजा शर्मा : धर्मनगरी डोंगरगढ़ इन दिनों चोरी की घटनाओं से दहली हुई है, जबकि पुलिस की नाकामी साफ नजर आ रही है। बीती रात, चोरों ने दो किराना दुकानों को निशाना बनाया, महंगे सामान और नगदी समेटी और जाते-जाते पुलिस को सीधी चुनौती देते हुए दुकानों के ताले तक उठा ले गए। हैरानी की बात यह है कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है और सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति कर रही है।
रेलवे चौक पर बेखौफ चोरी, पुलिस को सीधी धमकी
घटना रेलवे चौक स्थित न्यू पटियाला किराना दुकान की है। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि चोर दुकान के बाहर आराम से खड़े हैं, ताला तोड़ते हैं और बिना किसी डर के शटर खोलकर दुकान में दाखिल होते हैं। चोरों ने काजू, किशमिश, बादाम, शैंपू, बिस्किट जैसे महंगे सामान के साथ-साथ गल्ले से ₹6,000 नगद भी उड़ाए। और तो और, जाते-जाते दोनों ताले भी साथ ले गए, मानो पुलिस को संदेश दे रहे हों – "हम जो चाहें करेंगे, रोक सको तो रोक लो।"
खंडूपारा में भी दूसरी दुकान में सेंध
उसी रात, खंडूपारा स्थित चोपड़ा किराना दुकान को भी चोरों ने निशाना बनाया। यहां से चोर सिगरेट के पैकेट, महंगे सामान और ₹3,000 नगद लेकर फरार हो गए। दोनों दुकानदारों को शक है कि यह वारदातें एक ही गिरोह द्वारा अंजाम दी गई हैं।
दुकानदार चिंटू पटियाला ने अनुमान लगाया कि कुल ₹30,000 से ₹50,000 का नुकसान हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया, "जब सीसीटीवी में चेहरे साफ दिख रहे हैं, तो पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? क्या इन अपराधियों को किसी का संरक्षण प्राप्त है?"
पुलिस गश्त सिर्फ दिखावा, जनता में आक्रोश
नगरवासियों का गुस्सा अब सोशल मीडिया पर साफ झलकने लगा है। एक यूजर ने लिखा –"डोंगरगढ़ में चोरों की ड्यूटी नाइट शिफ्ट में है, और पुलिस की ड्यूटी सिर्फ कागज़ पर!"
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से व्यापार करना मुश्किल होता जा रहा है, और शहर की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। पुलिस की निष्क्रियता ने जनता को खुद को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कराने पर मजबूर कर दिया है।
अब सवाल उठता है – कानून व्यवस्था कौन संभालेगा?
जब सीसीटीवी फुटेज में अपराधियों की पहचान साफ नजर आ रही है, फिर भी पुलिस का हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना उनकी कार्यशैली और मंशा पर सवाल खड़े करता है।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है —
क्या डोंगरगढ़ में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस उठाएगी, या जनता को खुद अपने हालात से लड़ना होगा?