रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों 32 हजार रुपए में एक जग सप्लाई करने का मामला चर्चा में है। सरकार सफाई दे रही है और विपक्ष हमलावर। सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं। बलौदाबाजार के आदिवासी विभाग ने कहा कि टेंडर आया था, लेकिन कीमत ज्यादा होने की वजह से रदद् कर दिया गया। हरिभूमि ने उस कारोबारी को तलाश करने का प्रयास किया जिसने 32 हजार में सप्लाई के लिए टेंडर भरा। जीएसटी नंबर के सहारे टीम रायपुर टिकरापारा तक पहुंची। वहां फर्म का अतापता नहीं है। जिस मोबाइल नंबर का जिक्र किया गया, उसने कहा वह अभनपुर में किराना दुकान चलाता है।उल्लेखनीय है कि जग सप्लाई का कोटेशन देने वाली फर्म का नाम है श्रीराम सेल्स एंड सप्लायर उस कोटेशन को हरिभूमि ने हासिल किया और उसके आधार फर्म की पड़ताल की। जीएसटी से पता चला कि फर्म सिद्धार्थ चौक, हनुमान मंदिर, टिकरापारा के पास है। टीम वहां पहुंची। आसपास जानकारी जुटाई। ऐसी किसी फर्म की जानकारी नहीं मिली। यहां तक कि आसपास के दुकानदारों ने ऐसी किसी फर्म के होने से इनकार कर दिया।
जांच के बाद कार्रवाई:
श्रीराम सेल्स को लेकर जीएसटी इंटेलिजेंस शाखा को उक्त फर्म के संबंध में जांच के निर्देश दिए गए है। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों के जीएसटी आधार पर:
श्रीराम सेल्स ने आदिवासी विकास विभाग को कोटेशन में जो जीएसटी 22 एएफएचएफएस 8638 ई-1 जेडवी नंबर दिया था। वह जीएसटी नंबर पूरी तरह से सही पाया गया जो एक पार्टनरशिप फर्म है। पार्टनरशिप फर्म के थोक कारोबार करने का उल्लेख है। उक्त फर्म का पंजीयन 25 जुलाई 2024 को हुआ। इसका रजिस्ट्रेशन चंद्रेश कुमार देवांगन नामक व्यक्ति ने किया है। उसने अपना मोबाइल नंबर भी रजिस्ट्रेशन और अकाउंट नंबर आदि। जीएसटी नंबर जारी करने के पूर्व जीएसटी के सर्किल अफसर मौके पर भौतिक सत्यापन करने जाते हैं।
जीएसटी नंबर चंद्रेश देवांगन के नाम पर:
टेंडर हासिल करने कोटेशन भरने जिस जीएसटी नंबर का उल्लेख किया गया है। नंबर हासिल करने जालसाज द्वारा फर्जी दस्तावेजों का सहारा लेने की आशंका है। जिस चंदेश नाम के व्यक्ति के नाम से जीएसटी नंबर हासिल किया गया है। उनका कहना है कि उसका अभनपुर में छोटे से किराना का दुकान है। साथ ही उसने जीएसटी नंबर लेने की बात से इनकार किया है। ऐसे में जालसाज द्वारा चंद्रेश के दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए जीएसटी नंबर हासिल कर टेंडर के लिए कोटेशन जमा करने की आशंका है।