रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) को लेकर एक तरफ प्रशासन ने इसे शिक्षा सुधार की दिशा में अहम कदम बताया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे शिक्षा के निजीकरण की साजिश करार दिया है। ज़िला कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह की प्रेस वार्ता और कांग्रेस की पलटवार प्रेस कॉन्फ्रेंस के चलते यह मुद्दा राजनीतिक रूप से गरमाया हुआ है।
क्या कहा कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने?
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. सिंह ने बताया कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शिक्षकों के असमान वितरण को संतुलित करना है। “ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी और शहरी क्षेत्रों में अधिकता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में यह बड़ा कदम है।”
रायपुर ज़िले में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया लागू की गई है। पहले जिले में कुल 1422 स्कूल संचालित हो रहे थे, लेकिन अब 1033 स्कूलों की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इस प्रक्रिया के तहत 4 स्कूलों — जिनमें 1 अभनपुर और 3 रायपुर के हैं — का समायोजन किया गया है। साथ ही, 385 स्कूलों को "क्लस्टर स्कूल" के रूप में पुनर्गठित किया गया है, ताकि संसाधनों का अधिकतम और बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सके।
जहाँ छात्र संख्या बेहद कम उन्हीं स्कूलों का समायोजन:
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ उन्हीं स्कूलों का समायोजन किया गया है जहाँ छात्र संख्या बेहद कम है। इसके अलावा, एक ही परिसर में संचालित अलग-अलग स्कूलों को आपस में जोड़ा गया है, जिससे शैक्षणिक और प्रशासनिक संचालन अधिक कुशल हो सके।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात को लेकर भी बदलाव किया गया है। अब 60 विद्यार्थियों पर 2 शिक्षक और उसके बाद हर 30 अतिरिक्त छात्रों पर 1 शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। इस पुनर्गठन की प्रक्रिया के बाद कुल 1013 शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया है, जिन्हें शीघ्र ही रिक्त पदों पर या अन्य आवश्यक स्थानों पर नियुक्त किया जाएगा।
कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने आश्वासन दिया है कि इस प्रक्रिया के दौरान यदि किसी भी स्तर पर आपत्तियाँ सामने आती हैं, तो उनका समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
कांग्रेस का विरोध: “सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है सरकार”:
दूसरी ओर, युक्तियुक्तकरण के विरोध में प्रदेशभर में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों में कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की जा रही है। रायपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, गिरीश दुबे और उधो वर्मा ने भाग लिया और सरकार पर सीधा हमला बोला। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि प्रदेश सरकार योजनाबद्ध तरीके से सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है और शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है।
यह सरकार धीरे धीरे सरकारी स्कूल बंद करना चाहती है:
पूर्व सांसद छाया वर्मा ने कहा कि यह सरकार धीरे-धीरे सरकारी स्कूलों को बंद करने की दिशा में आगे बढ़ रही है और निजी स्कूलों को बढ़ावा दे रही है, जिससे गरीब और ग्रामीण तबके के बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा। उन्होंने भाजपा पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर तो भाजपा ने 57 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की बात कही थी, लेकिन सरकार में आने के बाद अब स्कूल बंद किए जा रहे हैं और शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया जा रहा है।