पान का पत्ता Piperaceae परिवार का सदस्य है। ये दिल के आकार का गहरे हरे रंग का होता है। भारत में इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किया जाता है। सिर्फ धार्मिक कामों के लिए नहीं बल्कि पान के पत्ते का इस्तेमाल खाने के बाद भी किया जाता है। आर्युवेद के अनुसार पान का पत्ता औषधिय गुणों से भरपूर माना जाता है।
डॉ दीक्सा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पर पान के कई उपयोग बताए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि, "प्रार्थना और धार्मिक समारोहों में इसका इस्तेमाल करने से लेकर 'पान' के रूप में खाने तक, पान के पत्ते दशकों से भारतीयों की पसंदीदा सूची में हैं। आयुर्वेद ने पान के पत्तों के कई उपचारात्मक और उपचारात्मक स्वास्थ्य लाभों का उल्लेख किया है।”
वहीं डॉ दीक्सा ने आगे लिखा है कि पान के पत्ते का व्यापक रूप से खांसी, अस्थमा, सिरदर्द, राइनाइटिस, गठिया के जोड़ों के दर्द, एनोरेक्सिया आदि के उपचार में उपयोग किया जाता है। यह दर्द, सूजन और सूजन से राहत देता है। “पत्ते विटामिन सी, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और कैरोटीन जैसे विटामिन से भरे हुए हैं और कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत हैं। चूंकि पान एक सुगंधित बेल है, आप इसे आसानी से अपने घरों में एक सजावटी पौधे के रूप में उगा सकते हैं और इससे अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।