रायपुर। राजधानी रायपुर में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से एक सात वर्षीय बच्चे की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कोर्ट को अवगत कराया कि पीड़ित परिवार को 3 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जा चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि घटना के तुरंत बाद 50 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी गई थी और बाद में ढाई लाख रुपये और प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि घटना के बाद रायपुर समेत पूरे राज्य में विशेष निगरानी और अलर्ट जारी कर दिया गया है।
हाई कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान:
इस दर्दनाक घटना के सामने आने के बाद बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया था। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) को नोटिस जारी कर यह स्पष्टीकरण मांगा था कि चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद यह बाजार में कैसे बिक रहा है? इसे कौन और कहां से उपलब्ध करा रहा है?
राजधानी में दो घटनाएं बनीं चिंता का कारण:
गौरतलब है कि यह मामला रायपुर के पचपेड़ी नाका क्षेत्र में सामने आया था, जहां एक सात साल का बच्चा गार्डन में खेलते समय चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया था। गंभीर चोटों के चलते इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं रायपुर के देवेंद्र नगर क्षेत्र में एक महिला भी मांझे से घायल हो गई थी।
प्रदेशभर में सुरक्षा को लेकर सख्ती:
सरकार की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि गृह विभाग ने प्रदेश के सभी पुलिस थानों को अलर्ट कर दिया है। थाने के स्टाफ को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चाइनीज मांझे की बिक्री, भंडारण या इस्तेमाल की सूचना मिलते ही कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों को भी इस मामले में निगरानी और कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कोर्ट ने मांगा विस्तृत जवाब, अगली सुनवाई जुलाई में:
राज्य सरकार के जवाब के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई महीने में निर्धारित की है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया कि प्रतिबंधित उत्पाद की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगे और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।