कसडोल: दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना,छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना ने आज भूमिहीन किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दिया है.
आपको बता दें कि बलौदाबाज़ार जिले के कसडोल विकासखंड में इस योजना ने भूमिहीन किसानों के लिए संजीवनी बूटी का कार्य किया है,गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ही आय का प्रमुख साधन होता है और ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसे भी लोग है जिनकी अपनी खुद की खेती की जमीन नहीं है.
प्रतिवर्ष मिलेंगे 10 हजार रुपए:
ऐसे में उनका मुख्य कार्य दूसरों की रोजी मजदूरी कर जीवन यापन करना होता है,दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना की वजह से आज ऐसे ग्रामीण जिनके सामने जीवन यापन करने की विकट समस्या थी और जिनका जीवन स्तर काफी नीचे था जो दूसरों की रोजी मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे,सरकार की इस पहल से ऐसे लोगों के जीवन में अब परिवर्तन आ रहा है और 10 हजार रुपए सालाना मिलने की बात सुनकर ऐसे ग्रामीण सरकार को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं।
पहले मिलता था 7 हजार सालाना अब मिलेगा 10 हजार सालाना:
छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा 7 हजार रूपए सालाना दिए जाने का प्रावधान था लेकिन जैसे ही छत्तीसगढ में सत्ता परिवर्तन हुआ बीजेपी की साय सरकार ने इस योजना का नाम परिवर्तित कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना कर दिया,वर्तमान की बीजेपी सरकार ने इस योजना का सिर्फ नाम परिवर्तित नहीं किया है बल्कि इस योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को भी बढ़ा कर 10 हजार रूपए सालाना कर दिया है,10 हजार रुपए सालाना मिलने से अब ग्राम पंचायत छरछेद में रहने वाली तारा बाई बारले जो रोजी मजदूरी कर जीवन चलाती हैं वो कहती है कि सरकार की इस योजना से अब वो गांव में रोजी मजदूरी करने के अलावा इस धनराशि से वो गांव में छोटा मोटा धंधा भी कर सकती है जिससे उनके घर में अतिरिक्त आमदनी हो सके।
बीजपी की घोषणा पत्र में था शामिल,वादा पूरा होने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान:
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने भूमिहीन किसानों के पक्ष में बाद किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो भूमिहीन किसानों को सालाना 10 हजार रूपए मिलेगा, छत्तीसगढ़ में चुनाव संपन्न हुए और मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा पत्र में शामिल वादा को पूरा किया और इस योजना को अमलीजामा पहनाते हुए इस पर मुहर लगा दी,10 हजार रूपए सालाना मिलने की बात पर अब किसान खुश है इस राशि को बच्चों की पढ़ाई में भी लगाने की बात कर रहें हैं।