दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार दो ननों के खिलाफ धर्मांतरण और मानव तस्करी से जुड़े मामले में आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की विस्तृत बहस के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
'लड़कियों को धर्मांतरण के इरादे से ले जा रही थीं आगरा': आरोप
एनआईए के वकील ने ननों की जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुए अदालत को बताया कि दोनों आरोपी दो आदिवासी नाबालिग लड़कियों को धर्मांतरण के इरादे से आगरा ले जा रही थीं। एजेंसी के अनुसार, यह मामला न सिर्फ अवैध धर्मांतरण बल्कि संभावित मानव तस्करी से भी जुड़ा हुआ है।
वहीं, बचाव पक्ष ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि ननों की मंशा पूरी तरह साफ थी, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी दलील दी कि जांच में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
दुर्ग जिला अदालत ने भी जमानत याचिका की थी ख़ारिज :
गौरतलब है कि इससे पहले दुर्ग जिला अदालत ने भी ननों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने NIA की विशेष अदालत में अपील की थी। आज की सुनवाई के दौरान अदालत ने केस डायरी और अन्य संबंधित दस्तावेज मंगवाए और सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।