बसना: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) कार्यालय में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां पदस्थ लिपिक सूर्यकांत मिश्रा ने बिजली बिल के भुगतान के नाम पर सरकारी खाते से 6 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली, लेकिन बिजली विभाग में यह राशि जमा ही नहीं की गई।
इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब दो आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी। जानकारी से पता चला कि बिजली बिल मद में बैंक से राशि चेक द्वारा निकाली गई थी, लेकिन उसका भुगतान बिजली विभाग में नहीं किया गया।
आरोप तय, लिपिक निलंबित
जांच में सामने आया कि लिपिक सूर्यकांत मिश्रा ने 6,23,348 रुपये की राशि तो निकाली, लेकिन वह बिजली विभाग को कभी सौंपी ही नहीं गई। जब जांच अधिकारियों ने बिल और वाउचर की मांग की, तो बीईओ और लिपिक एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा राकेश पांडेय ने जांच समिति गठित की। जांच में लिपिक समेत बीईओ को भी दोषी पाया गया। कार्रवाई के तहत सूर्यकांत मिश्रा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन के दौरान जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा
निलंबन की अवधि में लिपिक को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय सिमगा निर्धारित किया गया है। शिक्षा विभाग के इस घोटाले ने सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और निगरानी की कमी को उजागर कर दिया है।