MP Patwari : जबलपुर शहर में लंबे समय से शराब की दुकानों पर तय कीमतों से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। आम जनता इस मनमानी से परेशान थी। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए एक अनूठी जांच के आदेश दे दिए।
पवारियों को सौंपा काम
जिला कलेक्टर ने शराब की दुकानों पर होने वाली मनमानी की जांच का जिम्मा राजस्व विभाग के पटवारियों को सौंप दिया। आमतौर पर जमीन से जुड़े मामलों में काम करने वाले पटवारियों को इस बार शराब दुकानों पर गुप्त ग्राहक बनाकर भेजा गया। उन्हें निर्देश दिया गया कि वे सामान्य ग्राहक की तरह शराब खरीदें और डिजिटल पेमेंट करें, जिससे हर लेन-देन का रिकॉर्ड बने और दुकानदारों को शक भी न हो। यह अभियान रांझी, गोरखपुर और अधारताल समेत शहर के विभिन्न क्षेत्रों की 22 शराब दुकानों पर एक साथ चलाया गया। 40 से ज्यादा पटवारियों की टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर निरीक्षण किया। जांच के बाद जो तथ्य सामने आए वे चौंकाने वाले थे, 22 में से 21 दुकानों पर शराब तय एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बेची जा रही थी।
हो रही थी अतिरिक्त वसूली
मीडिया की खबरों के अनुसार छोटी बोतलों पर औसतन 20 रुपये और बड़ी बोतलों पर 100 से 150 रुपये तक अतिरिक्त वसूली की जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह वसूली मार्च से शुरू होते हुए अप्रैल तक तेजी से बढ़ गई। यह समस्या केवल शहरी इलाकों तक सीमित नहीं थी, बल्कि शहपुरा, सिहोरा, कुंडम, बरगी और चरगवां जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर मनमानी की जा रही थी। नियमों के अनुसार शराब की बिक्री केवल निर्धारित मूल्य (MRP) पर ही की जानी चाहिए, लेकिन जांच से स्पष्ट हो गया कि दुकानदार मुनाफा कमाने के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त धन वसूल रहे हैं।
पटवारी पेश करेंगे रिपोर्ट
फिलहाल, पटवारियों द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे एसडीएम के माध्यम से कलेक्टर को सौंपा जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषी दुकानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर सक्सेना ने साफ शब्दों में कहा है कि किसी भी सूरत में तय कीमत से ज्यादा वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।