नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरफ से लगातार की जा रही उकसावे वाली कार्रवाइयों और हालिया आतंकी हमलों के बीच भारत सरकार ने शनिवार को एक बड़ा और निर्णायक संदेश दिया है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, अब यदि भारत की सरज़मीं पर कोई भी आतंकी हमला होता है, तो उसे सीधा युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा और उसी रूप में कड़ा जवाब दिया जाएगा।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में लश्कर समर्थित TRF आतंकियों द्वारा धर्म के आधार पर 27 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। तब से ही देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और आक्रोश अपने चरम पर था।
सीमा पर सक्रिय भारत, आतंक का मुँहतोड़ जवाब:
भारतीय सेना ने जानकारी दी है कि पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की ड्रोन, मिसाइल और हवाई हमलों की कोशिशों को नाकाम किया गया है। सेना ने जवाबी कार्रवाई में लंबी दूरी के हथियारों, लड़ाकू विमानों और प्रेसिशन स्ट्राइक्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी सैन्य संरचनाओं और खतरे की संभावनाओं को समय रहते समाप्त कर दिया।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह सीमावर्ती क्षेत्रों में आक्रामक सैन्य जमावड़ा कर रहा है, जो "तनाव को और बढ़ाने की मंशा" को दर्शाता है। सेना की ओर से साफ किया गया है कि वे "पूरी तरह अभियानगत रूप से तैयार" हैं।
भारत की रणनीति: संयम के साथ जवाब, लेकिन कमजोरी नहीं:
एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में सैन्य प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह, और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को जानकारी दी कि भारत ने पाकिस्तान की उकसाने वाली गतिविधियों का जवाब सटीक, नियंत्रित और प्रभावी रूप से दिया है। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर उकसाया गया तो पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
कर्नल कुरैशी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने श्रीनगर, अवंतीपुरा, और उधमपुर में वायुसेना अड्डों सहित चिकित्सा केंद्र और स्कूलों को भी निशाना बनाया, जो उसकी कायराना मानसिकता को दर्शाता है। पंजाब में भी रात 1:40 बजे के बाद हाई-स्पीड मिसाइल अटैक किए गए, जिनमें कुछ क्षति हुई।
पाकिस्तानी सैन्य अड्डों पर भारत की सटीक स्ट्राइक:
भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियां जैसे पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। ये हमले विशेष रूप से कमान एवं नियंत्रण केंद्रों, रडार स्थलों, और हथियार भंडारण इकाइयों को निशाना बनाकर किए गए थे।
इसके अतिरिक्त, पसरूर और सियालकोट एयरबेस के रडार सिस्टम भी इस हमले में क्षतिग्रस्त किए गए। सेना ने यह भी सुनिश्चित किया कि इन कार्रवाइयों में न्यूनतम सिविलियन डैमेज हो।