भारतीय रेल यात्रियों को अब केवल तेज़ और आरामदायक सफर ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्वादों का अनोखा अनुभव भी देने जा रही है। रेल मंत्रालय ने वंदे भारत ट्रेनों में स्थानीय व्यंजन परोसने के निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली वंदे भारत और अन्य प्रीमियम ट्रेनों के मेन्यू में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को शामिल किया जा रहा है।
पारंपरिक व्यंजनों को मेन्यू में किया शामिल:
इस पहल के तहत यात्रियों को अब सफर के दौरान चीला, फरा और चौसेला जैसे लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद मिलेगा। इसके साथ ही आईआरसीटीसी (IRCTC) ने मुंगौड़ी, बरा, गुल-गुल भजिया, सोहारी, ठेठरी और खुरमी जैसे अन्य पारंपरिक व्यंजनों को भी मेन्यू में शामिल करने की पूरी तैयारी कर ली है।
यात्रियों को मिलेगा संस्कृति और स्वाद का संगम:
रेल मंत्रालय का मानना है कि ट्रेन यात्रा केवल एक साधन नहीं, बल्कि एक अनुभव होनी चाहिए। स्थानीय व्यंजनों को परोसने का उद्देश्य यात्रियों को उस क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और खानपान से जोड़ना है, जिससे यात्रा और भी यादगार बन सके।
रेल मंत्री के निर्देश पर हुई पहल:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद इस पहल को लागू करने के निर्देश दिए। उनका कहना है कि क्षेत्रीय स्वादों को बढ़ावा देने से न केवल यात्रियों को नया अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय खानपान और संस्कृति को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
चरणबद्ध तरीके से होगा कार्यान्वयन:
इस सुविधा की शुरुआत पहले वंदे भारत ट्रेनों से की जाएगी। इसके बाद यात्रियों की प्रतिक्रिया और मांग के आधार पर इसे अन्य एक्सप्रेस और प्रीमियम ट्रेनों में भी धीरे-धीरे लागू किया जाएगा।
पर्यटन और स्थानीय पहचान को मिलेगा बढ़ावा:
यह कदम छत्तीसगढ़ के यात्रियों के साथ-साथ राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए भी खास साबित होगा। यात्रा के दौरान स्थानीय और ताज़े व्यंजनों का स्वाद मिलने से छत्तीसगढ़ की पहचान और आकर्षण दोनों को बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर, भारतीय रेल की यह पहल ट्रेन यात्रा को स्वाद, संस्कृति और सुविधा का बेहतरीन संगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।