निर्मला सप्रे : मध्यप्रदेश की सियासत में एक महिला इन दिनों सवाल बनकर रह गई है। महिला ने चुनाव तो कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था और विधायक बनी, लेकिन वे भाजपा के कार्यक्रमों और भाजपा नेताओं के साथ दिखाई देती है। नेताओं को समझ नहीं आ रहा कि आखिर वो महिला विधायक किस दल की है? हम बात कर रहे है बीना विधानसभा से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की। निर्मला सप्रे ने अबतक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। वही कांग्रेस दल बदल कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है।
दरसअल, 16 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि सत्र के दौरान निर्मला सप्रे के राजनैतिक भविष्य का फैसला किया जा सकता है। निर्मला सप्रे को लेकर अंतिम फैसला विधानसभा अध्यक्ष को लेना है, लेकिन यह जरूर तय है कि अगर 16 दिसंबर से पहले निर्मला सप्रे को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया तो सत्र में उनके लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की जाएगी।
निर्मला पर क्या आरोप?
निर्मला सप्रे ने साल 2023 में कांग्रेस के टिकट पर बीना सीट से चुनाव लड़ा था और चुनाव जीत गई थी, लेकिन निर्मला सप्रे ने बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ में सीएम मोहन यादव की एक सभा के दौरान बीजेपी में शामिल हो गई थी। निर्मला सप्रे बीजेपी में तो शामिल हो गई, लेकिन उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया, जबकि वे बीजेपी के कार्यक्रमों और भाजपा नेताओं के साथ नजर आई। कांग्रेस का आरोप है कि जब उन्होंने दल बदल कर लिया है तो उनको इस्तीफा दे देना चाहिए, उनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई होना चाहिए।
सिंघार कर चुके शिकायत
निर्मला सप्रे के खिलाफ दल बदल की कार्रवाई को लेकर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख चुके है। सिंघार ने पत्र के साथ निर्मला सप्रे के भाजपा कार्यक्रमों में जाने के फोटो और वीडियो भी दिए है। सिंघार ने कहा है कि निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो गई है। उनके खिलाफ दल बदल तहत कार्रवाई होना चाहिए। वही कांग्रेस का कहना है कि कांग्रेस ने निर्मला सप्रे के लिए दरबाजे बंद कर दिए है।
भाजपा बैठक में पहुंची थी सप्रे
आपको बता दें कि बीते दिनों प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई भाजपा बैठक में निर्मला सप्रे शामिल होने पहुंची थी। जब मीडिया ने उसने उनके इस्तीफे और बीजेपी में जाने को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था की वे इस समय बात नहीं कर सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था की वे जल्द ही फैसला लेंगी। जनता ने उन्हें चुना है तो वे जनता से पूछकर फैसला लेंगी। इसके बाद वे बैठक छोड़कर वहां से चली गई थी।