रायपुर: राज्य के नगरीय निकाय चुनावों की मैदान में बिसात बिछाने का काम तेजी से हो रहा है, लेकिन चुनाव लड़ने वालों को हर मोड़ पर मुकाबला करने की नौबत है। इस चुनाव में जो प्रत्याशी राजनीतिक दलों की ओर से उतारे जाएंगे उन्हें तो पार्टी का चुनाव चिन्ह मिलेगा। लेकिन जो प्रत्याशी निर्दलीय हैं उन्हें भी मनपसंद चुनाव चिन्ह के लिए भी जूझना पड़ेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि अगर एक ही चुनाव चिन्ह के लिए दो दावेदार हों तो लॉटरी निकालकर चिन्ह तय करना होगा। इस लॉटरी में जो जीतेगा वही मनपसंद चिन्ह का हकदार होगा।
निर्दलीय अभ्यर्थियों चुनाव चिन्ह
राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों चुनाव चिन्ह तय कर दिए हैं। इन्हें मुक्त प्रतीक कहा जाता है। यदि किसी गैर मान्यता प्राप्त रजिस्ट्रीकृत राजनीतिक दल के अभ्यर्थी ने किसी भी प्रतीक के लिए चुनाव चिन्ह का उल्लेख अपने नामांकन में नहीं किया है तो ऐसे अभ्यर्थी के मुक्त प्रतीकों में से सबसे ऊपर वाले क्रम से वह प्रतीक दिया जाएगा जो अब तक किसी को नहीं दिया गया है। इस तरह बांटे गए मुक्त प्रतीकों को छोड़कर शेष मुक्त प्रतीकों को निर्दलीय अभ्यर्थियों को आवंटित किया जावेगा। कोई भी अभ्यर्थी आयोग द्वारा विहित मुक्त निर्वाचन प्रतीकों के अतिरिक्त अन्य किसी प्रतीक की मांग नहीं कर सकता और यदि उसके द्वारा अपने नामनिर्देशन पत्र में किसी अन्य प्रतीक का उल्लेख किया गया हो तो उसे नजरअंदाज किया जाएगा।
एक चिन्ह के दो दावेदारों होने पर
यदि एक ही प्रतीक को एक से अधिक अभ्यर्थियों ने अपनी पसन्द में प्रथम स्थान पर रखा हो तो प्रतीक के आबंटन का निर्णय लाट द्वारा किया जाए। जिस अभ्यर्थी के पक्ष में लाट निकले, उसे ही वह प्रतीक आवंटन किया जाए। लाट निकालने की कार्यवाही उपस्थित अभ्यर्थियों और या उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं के समक्ष की जाएगी और उसका प्रतीक आबंटन से संबंधित कार्यवाही विवरण में स्पष्ट उल्लेख किया जावे तथा उपस्थित अभ्यर्थियों और उनके निर्वाचन अभिकर्ताओं के हस्ताक्षर कराए जाने के निर्देश हैं।
पहले नामांकन में मांगे गए चिन्ह पर होगा विचार
अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत प्रथम नामनिर्देशन पत्र में दशाये गये प्रतीकों पर ही विचार किया जाए, भले ही वह नामनिर्देशन- पत्र संवीक्षा के दौरान खारिज क्यों न हो गया हो। अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत बाद के नामनिर्देशन पत्र में उल्लिखित प्रतीकों को विचार में नहीं लिया जाएगा। अभ्यर्थी को उसके द्वारा प्रथम नामनिर्देशन-पत्र में अंकित केवल प्रथम तीन निर्वाचन प्रतीकों को विचार में लिया जाए तथा इस संख्या से परे पसन्द की ओर ध्यान नहीं दिया जाएगा।
राजनीतिक दलों के प्रत्याशी लड़ेंगे पार्टी के निशान पर
प्रथम स्थान पर अंकित प्रतीकों का आबंटन हो जाने पर शेष बचे अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के दूसरे क्रम के प्रतीकों का आबंटन उपर्युक्त प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा। आवेदन हो जाने पर शेष बचे अभ्यर्थियों को उसकी पसन्द के 'तीसरे क्रम के प्रतीकों का आबंटन होगा। पहले, दूसरे और तीसरे क्रम के सभी निर्वाचन प्रतीक आबंटित हो जाने के पश्चात् यदि कोई अभ्यर्थी ऐसा रह जाता देजिसे अपनी पसंद का (तीन में से) कोई प्रतीक आवंटन न हुआ हो अथवा किसी अभ्यर्थी ने अपने प्रथम नामनिर्देशन पत्र में किसी प्रतीक का उल्लेख न किया हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विहित निर्वाचन प्रतीकों में से क्रम में सबसे ऊपर वाला वह प्रतीक आवंटन किया जाए, जो किसी अभ्यर्थी को आवंटित न किया गया हो। प्रतीकों का क्रमवार इस प्रकार आबंटन, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची में उनके नामों के क्रम के अनुसार, एक के बाद एक करने के निर्देश हैं।