Tehsildar Strike : पिछले एक हफ्ते से चल रही तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों की कलमबंद हड़ताल को सात दिन का लंबा समय हो गया है। वहीं तहसीलदारों ने निर्णय लिया है कि वह हड़ताल तो जारी रखेंगे, लेकिन स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे। बता दें कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ द्वारा सात अगस्त से अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से काम बंद कर रखा है।
प्रदर्शन रहेगा जारी...
संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के विरोध में हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। जिले में हुजूर, कोलार, बैरसिया तहसील के साथ ही टीटी नगर,एम पीनगर,गोविंदपुरा, शहर, संत हिरदाराम नगर वृत्त हैं। इन तहसील और वृत्तों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, फौती नामांतरण, ईडब्ल्यूएस, आय, जाति, मूल निवासी प्रमाण पत्र सहित अन्य मामलों का निराकरण किया जाता है। छह अगस्त से शुरू हुई हड़ताल से अब तक करीब चार हजार मामले इन न्यालयों में लंबित हो गए हैंं।
सरकारी प्रयोगों से परेशान
प्रधानमंत्री द्वारा ‘साइबर तहसील’ पहल को उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजे जाने और ‘फार्मर रजिस्ट्री’ में देशभर में अव्वल स्थान हासिल करने के बावजूद मध्य प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार सरकार की नई नीतियों से नाराज हैं। उनका कहना है कि ये सफलता उनके अथक परिश्रम का परिणाम है, लेकिन अब उनके कार्यक्षेत्र में न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों के जबरन विभाजन से उनकी कार्यक्षमता और मनोबल दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
क्या हैं आंकड़े?
प्रदेश में राजस्व महा-अभियानों के तहत नामांतरण, बंटवारा जैसे 80 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया है। तहसीलदारों का प्रकरण निपटान प्रतिशत 72.55% है, जो SDM (60.27%) और कलेक्टर (32.68%) से कहीं बेहतर है। इसके बावजूद केवल 1456 अधिकारी 1626 पदों के मुकाबले कार्यरत हैं, और उन पर गैर-न्यायिक कार्यों का भी अतिरिक्त भार है।
क्या कहते है तहसीलदार
तहसीलदारों का कहना है कि बार-बार अभ्यावेदन के बाद भी जब शासन ने उनकी बात नहीं सुनी, तो कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया। सवाल उठता है कि जब सबसे कुशल अधिकारी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, तो सरकार अव्यवहारिक प्रयोग क्यों थोप रही है?