हरदा हादसाः मध्यप्रदेश के हरदा में हुए विस्फोन ने देश को हिला के रख दिया है। हरदा के बैरागढ़ में एक फटाका फैक्ट्री में धमाका होने से 7 लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोगों के घायल होने की सूचना है। मौके पर बचाव कार्य जारी है। अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
हादसे की जानकारी लगते ही सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए है। सीएम मोहन ने घटना का संज्ञान लेते ही मंत्री उदय प्रताप सिंह, एसीएस अजीत केसारी, डीजी गार्ड अरविंद कुमार को तत्काल हेलीकाॅप्टर से हरदा जाने के निर्देश दिए है। वही राजधानी भोपाल, इंदौर में मेडिकल काॅलेज और एम्स को अलर्ट रहने को कहा गया है।
कलेक्टर-एसपी पर गिरेगी गाज!
हरदा हादसे को लेकर जिले के कलेक्टर-एसपी पर गाज गिर सकती है। मोहन सरकार पहले से ही नौकशाहों पर सख्त हैं। गुना बस हादसे के दौरान भी सीएम मोहन यादव ने जिला कलेक्टर एसपी को हटा दिया था। फिलहाल अभी ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि हादसे को लेकर कलेक्टर-एसपी के खिलाफ मोहन सरकार कार्रवाई कर सकती है।
बनाया ग्रीन काॅरिडोर
हादसे को लेकर भोपाल के बीच ग्रीन काॅरिडोर बनाया जा रहा है। राजधानी से फायर ब्रिगेड और विभाग के अधिकारी हरदा के लिए रवाना हो गए है। हरदा से भोपाल तक बनाए जा रहे ग्रीन काॅरिडोर से घायलों को 108 एंबुलेंस लेकर पहुंचेगी।
60 घरों में लगी आग
बताया जा रहा है कि विस्फोट इतना भयानक था की फैक्ट्री के आसपास के करीब 60 मकान आग की चपेट में आ गए है। प्रशासन खबर लिखे जाने तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि कर चुका है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे है।
पटवारी का ट्वीट
हादसे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि हादसे में हताहथ हुए लोगों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराई जाए। मैं शासन से अनुरोध करता हूं की हादसे की विस्तृत जांच कराई जाए। घायलों के उपचार की व्यवस्था भी तत्काल सुनिश्चित हो।
बता दें कि इससे पहले करीब एक साल पहले भी फटाका फैक्ट्री में आग लगी थी जिसके कारण कई लोगों की अपनी जान गवानी पड़ी थी, लेकिन उस समय प्रशासन की ओर से फैक्ट्री संचालक सोमेश अग्रवाल राजू पर कोई कोई कार्रवाई नहीं की थी। बताया जा रहा है कि वह हमेशा प्रशासन की मिली भगत से अपनी फैक्ट्री चलाता आ रहा है। फटाका फैक्ट्री संचालक द्वारा घर-घर बारूद दिया जाता था ताकि घर पर बैठकर फटाका बनाया जा सके।
यह भी बता दें कि पटाखा फैक्ट्री में जिस दिन आग लगी थी उसे दिन भी 80 से 100 लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे। अगर प्रशासन एक्शन लेता तो आज यह दुर्घटना की संभावना नहीं होती।