मास्को: रूस में तेजी से घटती जनसंख्या को लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। इसी के चलते रूस ने एक नई और विवादास्पद नीति लागू की है, जिसके तहत बच्चे जन्म देने और उसका पालन-पोषण करने स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली वयस्क यानी 18 साल से ऊपर की लड़कियों को आर्थिक मदद दी जा रही है। दरअसल रूस लड़कियों को जनसंख्या बढ़ाने और जन्मदर के गिरते स्तर को देखते हुए बच्चे पैदा करने के लिए एक लाख रूबल यानि लगभग ( 1 लाख 9 हजार रुपये) से अधिक की आर्थिक मदद दी जा रही है है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये मदद सरकार लड़कियों को बच्चे जन्म देने और पालन-पोषण के लिए दे रही है। जिसका मकसद देश में बढ़ती उम्र के लोगों की समस्या और कम होती जनसंख्या को दूर करना है।
इन स्थानों में लागु हुई योजना:
ये योजना रूस के 10 हिस्सों में मार्च 2025 में शुरू हुई है। हालांकि पहले यह केवल महिलाओं और बालिग युवतियों के लिए लागू की थी, लेकिन नाबालिग लड़कियों को भी अब इसमें शामिल किया है, ताकि वे भी बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित हों। फिलहाल यह स्कीम केवल वयस्क लड़कियों (18 साल से ऊपर) पर ही लागू की जा रही है।
यूक्रेन युद्ध बड़ा कारण:
जानकारी के मुताबिक इसके पीछे यूक्रेन जंग एक बड़ा कारण माना जा रहा है क्योंकि अब तक करीब 2.5 लाख रूसी सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं। साथ ही इस युद्ध की वजह से सैकड़ों हजारों पढ़े-लिखे लोग से रूस छोड़कर भाग गए हैं। वहीं सर्वे के अनुसार 40% लोग इस इसका विरोध कर रहे हैं, और लगभग 43% लोग इस नीति के पक्ष में हैं।
'प्रोनेटालिज्म' नीति के तहत मिल रहा प्रोत्साहन:
रूस सरकार इन दिनों जन्म दर को बढ़ावा देने के लिए 'प्रोनेटालिज्म' नीति पर काम कर रही है. इसके लिए महिलाओं को बच्चों के जन्म पर नकद भुगतान और मातृत्व लाभ जैसे आर्थिक प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। रूस में साल 2023 में प्रति महिला औसतन लगभग 1.41 बच्चे पैदा हो रहे थे, लेकिन यहां की जनसंख्या को स्थिर बनने के लिए ये दर 2.05 होनी काफी जरुरी है। जिससे सरकार के लिए यह गिरावट गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
किस देश में बच्चे पैदा करने पर प्रोत्साहन:
ये योजना रूस के अलावा कई अन्य देशों में भी चलाई जा रही है। दक्षिण कोरिया में 0.55 फीसदी ही जन्मदर है, और यहां के युवा शादी करने को तैयार नहीं हैं। चीन में जन्मदर 1.28 है, और सरकार इसे बढ़ाने के लिए कई सुविधाएं दे रही है। इसके अलावा जापान में 1.26 जन्मदर को देखते ही यहां की सरकारने भी कई योजनाएं निकाली है। लेकिन इन 20 देश के अलावा पहले स्थान पर स्विट्जरलैंड है। जहां की
जन्मदर सबसे कम है।