Ramkrishna Kusmaria : मध्य प्रदेश में मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनते ही सरकार ने डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। सरकार ने रामकृष्ण कुसमरिया को मध्यप्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया है। आयोग के अध्यक्ष बनते ही कुसमरिया ने पद का कार्यभार ग्रहण भी किया। डॉ. कुसमरिया ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद आयोग की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ. कुसमरिया ने कहा कि वे शीघ्र ही जिलों का दौरा कर पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित योजनाओं की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही वे पिछड़ा वर्ग से जुड़े स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनकी दिक्कतों को समझेंगे और सुझाव प्राप्त करेंगे।
बता दें कि रामकृष्ण कुसमरिया से पहले गौरीशंकर बिसेन राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थे। मोहन सरकार का गठन होने के बाद कुसमारिया को अब इस आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह भी बता दें कि कुसमरिया 5 बार सांसद और 3 बार विधायक रहे है। साल 2018 में उन्होंने बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे।
यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शपथ लेने और उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए। सीएम मोहन यादव ने सबसे पहला आदेश प्रदेशभर में सभी धार्मिक स्थलों से ध्वनिविस्तारक यंत्रों को हटाने का ओदश जारी किया है। इसके अलावा प्रदेशभर में खुले में मांस विक्रय पर पाबंदी लगा दी है।
मोहन सरकार के फैसले
- हर जिले में एक्सीलेंस कॉलेज बनाया जाएगा, जिसका नाम पीएम एक्सीलेंस कॉलेज होगा
- राज्य सरकार का डीजी लॉकर बनेगा
- आदतन अपराधियो की जमानत रद्द कर बड़ी कार्यवाहियां की जाए।
- तेंदूपत्ता संग्रहन की सीमा 4000 प्रति बोरा की जा रही है।
- अब प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के साथ ही नामान्तरण होगा।
- मापदंड के अनुसार लाउड स्पीकर/डीजे का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
स्टूडेंट्स की डिग्री और मार्कशीट के लिए डिजी लॉकर की व्यवस्था की जाएगी।