रिपोर्ट सादिक अली
नर्मदापुरम। पचमढ़ी में काफी व्यापक स्तर पर हर साल महादेव मेले का आयोजन होता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महादेव मेले का आयोजन धूम-धाम से किया गया है। महादेव के दर्शन, पूजन-अर्चन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। संपूर्ण मेला स्थल में विभिन्न अस्थाई दुकानें भी स्थापित हैं, जिनमें श्रद्धालु अपनी सुविधा अनुसार अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी कर रहे हैं। इसी के साथ खाने-पीने, नाश्ता आदि की भी दुकानें मेला क्षेत्र में लगी हुई हैं। साथ ही कलेक्टर सोनिया मीणा के निर्देश पर महादेव मेला क्षेत्र में यात्रियों, श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो इसे ध्यान में रखते हुए निर्धारित स्थलों पर अस्थाई पार्किंग व्यवस्था भी की गई है।
चौरागढ़ में की साधना
पचमढ़ी में बन चौरागढ़ मंदिर प्राचीन होने से इसका विशेष महत्व है। श्रद्धालु महाराष्ट्र तक से त्रिशूल चढ़ाने आते हैं। महादेव मंदिर से 3 किमी तक पैदल चलना होता है। 1300 सीढ़ियों की चढ़ाई है। महादेव मेला हर साल महा शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित किया जाता है। दूर-दूर से लोग चौरागढ़ पचमढ़ी में महादेव की पूजा करने आते हैं। यह कहावत है कि महादेव जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है। भूर भगत के पीछे एक कहानी है। बताया जाता है भूरा बचपन से ही प्रभु की आराधना में लीन रहते थे। एक बार भजन के दौरान वे समाधि में चले गए। चौबीस घंटे बाद उनकी समाधि टूटी। उसके बाद वे घर त्यागकर प्रभु की भक्ति में लीन हो गए। किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाडि़यों में साधना के दौरान महादेव के दर्शन उन्हें हुए।
महादेव से उन्होंने वरदान मांगा कि मैं आपके ही चरणों में रहूं और यहां आने वालों को आपका मार्ग बता सकूं। भूराभगत में एक शिला के रूप में वे मौजूद हैं। संत भूराभगत की प्रतिमा ऐसे स्थान पर स्थापित है। जिसे देखने से अनुमान लगता है मानों भगवान भोलेनाथ के मुख्यद्वार पर द्वारपाल की तरह वे बैठे हों। उसी के कारण यहां भी मेला भरता है। गुलाल, सिंदूर, कपूर, खारिक, सुपारी और बड़े त्रिशूल भक्त यहां चढ़ाते हैं।
बारीकी से हर पहलू की जांच
एसडीएम पिपरिया संतोष तिवारी का कहना है कि मेले में सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह की जा चुकी है। श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थित ट्रैफिक, रुकने की व्यवस्था, स्वास्थ्य, पेयजल आदि सुविधाओं के लिए भी हम पूरी तरह तैयार हैं। मैं आज स्वयं मेला स्थान पर मौजूद हूं और बारीकी से हर पहलू की जांच भी कर रहा हूं। आने वाले समय में जैसे ही ट्रैफिक बढ़ेगा हम और सजगता के साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सुनिश्चित करने का काम करेंगे।
समयांतराल में छोड़ी जाएंगी गाड़ियां
एसडीओपी पिपरिया कल्याणी वरकडे का कहना है कि मेले को देखते हुए 300 की तादाद में पुलिस बल पचमढ़ी को दिया गया है। लगातार मेले में आ रहे श्रद्धालुओं की संख्या की मॉनिटरिंग की जा रही है। मटकुली से पचमढ़ी मार्ग भी पूरी तरह निगरानी में है जैसे ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी हम कन्वे सिस्टम लागू करेंगे और समय के अंतराल से गाड़ियों को छोड़ा जाएगा।