भोपाल। नगर निगम द्वारा शहर के सभी दुर्घटना संभावित चौराहों को सुधारा जाएगा। जहां जरूरत नहीं है, वहां स्पीड ब्रेकर हटेंगे या छोटे पुलिस वाले ब्रेकर लगाए जाएंगे। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से दुर्घटना संभावित चौराहों का सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे के बाद परिषद की बैठक में भी प्रस्ताव को पास कराया जाएगा।
चौराहों को सुधारने के लिए चर्चा
नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के अनुसार विगत दिवस महापौर मालती राय के द्वारा लिंक रोड नंबर एक स्थित शिवाजी चौक का निरीक्षण कर वहां के स्पीड ब्रेकर हटाने व अन्य संभावित सुधार कार्य करवाने के लिए निरीक्षण किया था। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस व अन्य अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद ही दूसरे दुर्घटना संभावित चौराहों को सुधारने के लिए चर्चा की गई।
ट्रैफिक पुलिस के साथ बनेगी कार्य योजना
किशन सूर्यवंशी के अनुसार दुर्घटना संभावित चौराहों के बारे में निगम स्वयं सर्वे कराने के साथ ही ट्रैफिक पुलिस से भी इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। शहर में दुर्घटना को लेकर चर्चा में आने वाले अभी तक आठ चौराहों का नाम आ रहा है, जिसमें प्रमुख शिवाजी चौराहा है, जिसका विगत दिवस महापौर मालती राय ने निरीक्षण कर सुधार कार्य शुरू करने को कहा है।
पहले चरण में यहां सुधार
शिवाजी चौराहा, पीएंडटी चौराहा, सोनागिरी चौराहा, रत्नागिरी चौराहा, रोहित नगर चौराहा, जेके रोड तिराहा, आनंद नगर चोराहा, हमीदिया रोड नादरा बस स्टेंड के पास वाला चौराहा शामिल हैं। वहीं बुधवार को निगम अमले ने शिवाजी नगर चौराहे का सुधार कर स्पीड ब्रेकर कम ऊंचाई के बना दिए हैं और सड़क पर नए सिरे से डामर कर दिया है।
रंगमहल, नेहरु नगर, बाग सेवनिया, बिट्टन के लेफ्ट टर्न का काम शुरू
शहर के पांच बड़े चौराहे रंगमहल, नेहरू नगर, बागसेवनिया, दानिश नगर और बिट्टन के लेफ्ट टर्न क्लीयर करने का काम शुरु कर दिया गया है। इन चौराहों पर नगर निगम और पीडब्ल्यूडी काम कराएगा, जिसके लिए वर्क प्लान तयार कर लिया गया है। अगले एक हफ्ते में सुधार के लिए सिविल वर्क शुरु कर दिया जाएगा। इन चौराहों के लेफ्ट टर्न क्लीयर होने से यहां रोजाना गुजरने वाले ढाई से तीन लाख वाहनों की आवाजाही में आसानी होगी। सालों पुरानी इस समस्या को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने छह महीने पहले कवायद शुरु की थी, लेकिन फंड नहीं होने से काम अटका था। हाल ही में सरकारी जमीनों को कब्जे से छुड़ाने के बाद उन्हें नीलाम कर दिया गया है, जिससे साढ़े तीन करोड़ रुपए का फंड जिला प्रशासन को मिल गया है। जिसको देखते हुए अब काम शुरु कर दिया गया है।