Mother’s Day : मां के समर्पण और उसके त्याग की हम कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन उनकी बराबरी नहीं कर सकते हैं. दरअसल हम ये बात इस लिए कर रहे हैं क्योंकि आज मदर्स डे हैं. वैसे तो माँ को स्पेशल फील कराने के लिए किसी निर्धारित दिन की जरुरत नही होती हैं. लेकिन आज मदर्स डे उस हर महिला को समर्पित है, जो अपने बच्चे के ख़ुशी के अपना हर सुख और अपना पूरा जीवन समर्पित देती हैं. मदर्स डे वैसे तो भारत ,अमेरिका सहित कई देशों में मनाया जाता हैं.
यहाँ से हुई थी शुरुआत :
Mother’s Day : इस दिन को हर साल मई महीने में दूसरे रविवार को मनाया जाता है. आखिर क्यों मनाया हैं मदर्स डे आइए जानते हैं इसका इतिहास. इसकी शुरुआत अमेरिका के फिलाडेल्फिया में हुई थी. दरअसल फिलाडेल्फिया की रहने वाली एना रीव्स जार्विस के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी। एना ने अपनी मां रीव्स जार्विस को श्रद्धांजलि देने के लिए की थी। एना की मां ने शिक्षा , गुलामी हटाने और महिलाओं को अधिकार दिलाने को लेकर वकालत करते हुए अपना सारा जीवन बिताया था। वहीं साल 1905 में इनकी मृत्यु हो गई. जिसकी के बाद उनकी इस विरासत को एना ने आगे बढ़ाया था.
इस दिन हुई घोसणा :
Mother’s Day : इसके साथ ही एना ने उनके इस इस काम लेकर उन्हें श्रद्धांजलि देने का फैसला लिया और 12 मई 1907 को एना ने अमेरिका स्थित वर्जीनिया के ग्राफ्टन के चर्च में इस दौरान एक सभा आयोजित की थी। जिसके पांच साल बाद अमेरिका के हर राज्य में मनाया जाने लगा था। जिसके बाद साल 1914 में US के प्रेसिडेंट वूड्रो वल्सन ने इसे नेशनल हॉलिडे के रूप में घोषित कर दिया , और एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर इसे मंजूरी देदी तब से इस दिन को मई के सेकंड सन्डे को हर मदर्स डे के रूप में मनाया जानें लगा.