Doodh Pilai Ritual : राजस्थान की शादियां अपने शाही अंदाज़ और समृद्ध संस्कृति के लिए जानी जाती हैं, जहां आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ सदियों पुरानी परंपराएं आज भी उसी श्रद्धा से निभाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है दूल्हे की दूध पिलाई रस्म, जो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्या होती है दूध पिलाई रस्म?
यह रस्म राजस्थान के कुछ विशेष समुदायों में वर्षों से निभाई जा रही है। बारात निकलने से ठीक पहले मां अपने दूल्हे बेटे को साड़ी के पल्लू में ढककर प्रतीकात्मक रूप से दूध पिलाती है। दूल्हा वास्तव में दूध नहीं पीता, बल्कि बचपन की याद और मातृस्नेह का प्रतीक दर्शाने के लिए जैसी मुद्रा होती है, वैसा ही भाव अपनाया जाता है। परिवारों का मानना है कि यह रस्म बेटे के बचपन से विदाई और एक नई जिम्मेदारी की ओर बढ़ने का संकेत है। यह पूरी तरह निजी पारिवारिक रस्म होती है, जो आमतौर पर घर की महिलाओं की उपस्थिति में निभाई जाती है।
कहां होती है यह परंपरा?
यह रस्म पूरे राजस्थान में प्रचलित नहीं है। कुछ चुनिंदा समुदाय और ग्रामीण क्षेत्र आज भी इसे निभाते हैं, वहीं कई परिवार इसे सिर्फ प्रतीकात्मक रूप में स्वीकारते हैं। यह केवल वर पक्ष की रस्म होती है, वधू पक्ष में इसका कोई प्रचलन नहीं मिलता।
वायरल वीडियो के बाद विवाद
इस परंपरा का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद इसे लेकर बहस तेज हो गई। कई लोगों ने इसे भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने इसे सार्वजनिक रूप से पेश किए जाने को गलत कहा है। आलोचकों का कहना है कि चाहे परंपरा कितनी भी पुरानी क्यों न हो, वयस्क बेटे को ऐसे व्यवहार में दिखाना निजता और सहजता पर सवाल खड़े करता है।