Sword Of Tipu Sultan : भारतीय इतिहास में टीपू सुल्तान का नाम सिर्फ उनके रणकौशल, साहस और अंग्रेजों को चुनौती देने वाली रणनीतियों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि उनकी अनोखी तलवारें आज भी इतिहास प्रेमियों को उतना ही रोमांचित करती हैं। वजन, डिज़ाइन, नीलामी और इनके गायब होने की रहस्यमय कहानियों ने इन तलवारों को एक अनोखा स्थान दे दिया है। आखिर टीपू की तलवार कितनी भारी थी और वर्तमान में ये धरोहरें कहां मौजूद हैं,आइए जानते हैं।
टीपू की तलवार का वजन: भारी या हल्की?
टीपू सुल्तान की तलवारों को लेकर अलग-अलग ऐतिहासिक दस्तावेज अलग दावे पेश करते हैं। एक तलवार, जिसे बाद में विजय माल्या द्वारा खरीदा गया था, का वजन लगभग 7.4 किलो बताया गया है। वहीं दूसरी तलवार, जो हल्की और तेज धार वाली मानी जाती है, का वजन करीब 1.3 किलो बताया गया है। माना जाता है कि टीपू ने कई युद्धों में इसी तरह की हल्की तलवारों का इस्तेमाल किया था।
डिज़ाइन और शाही पहचान
टीपू सुल्तान की तलवारें युद्ध का हथियार भर नहीं थीं, बल्कि वह शाही अधिकार और गौरव का प्रतीक भी मानी जाती थीं। इन तलवारों की खासियत, बेहतरीन स्टील से निर्मित, सोने की नक्काशी, विशिष्ट हैंडल डिज़ाइन
इन तलवारों को सुखेला कहा जाता था, जो शक्ति और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थीं।
दुनिया की सबसे महंगी तलवार
2024 में लंदन में टीपू की एक तलवार की नीलामी 143 करोड़ रुपये तक जा पहुंची, यह अब तक की सबसे महंगी भारतीय तलवारों में शामिल है। इससे पहले भी उनकी कई तलवारें अंतरराष्ट्रीय नीलाम घरों में करोड़ों में बिक चुकी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि विजय माल्या द्वारा खरीदी गई तलवार अब कहां है, इसका स्पष्ट पता नहीं है।
आज कहां सुरक्षित हैं टीपू की तलवारें?
टीपू की कई दुर्लभ तलवारें आज भी दुनिया भर के संग्रहालयों की शोभा बनी हुई हैं। जिनमें ब्रिटिश म्यूजियम, लंदन, विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम शामिल है। इन संग्रहालयों में टीपू की तलवारों के साथ उनकी अंगूठी, इत्रदान और अन्य शाही वस्तुएं भी प्रदर्शित हैं। इसके अलावा, कई तलवारें निजी संग्रहों में फैली हुई हैं।