रायपुर : एमबीबीएस डाक्टरों की बांड पोस्टिंग की ऑनलाइन काउंसिलिंग में गड़बड़ी पर inh-हरिभूमि की खबर का बड़ा असर हुआ है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय से जारी आदेश के बाद मेरिट लिस्ट को निरस्त कर दिया गया है। अब चार साल के प्राप्तांक योग के आधार पर आयुष विवि से जानकारी लेकर प्रावीण्य सूची तैयार की जाएगी और दावा आपत्ति के बाद इसका अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
20 जून को किया जाएगा इसका प्रकाशन :
सीएमई कार्यालय से जारी शेड्यूल के मुताबिक आयुष विवि से एमबीबीएस पास डाक्टरों की जानकारी लेकर मेरिट लिस्ट तैयार कर 20 जून को इसका प्रकाशन किया जाएगा। 21-22 जून को इस पर दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी और 23 को उसके निराकरण के बाद 24 जून को अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा 583 प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल तथा 77 चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस डाक्टरों की बांड पोस्टिंग के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके लिए 13 से 30 जून के बीच चार चरणों को काउंसिलिंग का आयोजन किया जा रहा था। इसके लिए संचालनालय द्वारा चिकित्सा महाविद्यालयों से जानकारी लेकर मेरिट लिस्ट जारी कर दी, जिसमें व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हो गई थी।
मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी : हमने प्रमुखता से लगाई खबर
डाक्टरों की अंकसूची और मेरिट लिस्ट के अंकों में काफी अंतर आ गया था। कई डाक्टर अपात्र होने के बाद भी मेरिट लिस्ट में शामिल हो गए थे। इसे लेकर जूनियर डाक्टर एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ डाक्टर फेडरेशन ने बड़ी आपत्ति की थी और inh- हरिभूमि में खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग हरकत में आया और मेरिट को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। अब आयुष विश्वविद्यालय से प्राप्त एमबीबीएस पाठ्यक्रम की चारों परीक्षाओं के प्राप्तांक के योग के आधार पर नई प्रावीण्य सूची जारी की जाएगी। इस पर दावा-आपत्ति और निराकरण की प्रक्रिया पूरी कर अंतिम रूप दिया जाएगा।
पारदर्शिता की आवश्यकता- जूडा:
जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने कहा कि पदस्थापना की ऑनलाइन काउंसिलिंग में पारदर्शिता की आवश्यकता है। जूडा द्वारा उजागर किए गए संभावित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर शासन एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए एमबीबीएस बॉड काउंसलिंग को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। अब निर्णय लिया गया है कि चारों वर्षों के पूर्णाक के आधार पर नई मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
पीजी डाक्टरों की बांड पोस्टिंग में विलंब:
एमबीबीएस डाक्टरों की अनुबंध सेवा पदस्थापना की ऑनलाइन काउंसिलिंग के विवाद के बीच एमडी-एमएस उत्तीर्ण चिकित्सकों की बांड पोस्टिंग की लेटलतीफी पर भी सवाल उठने लगा है। छत्तीसगढ़ डाक्टर फेडरेशन के अध्यक्ष डा. हीरा सिंह ने कहा कि इसे लेकर आक्रोश पनप रहा है और पीजी डाक्टर न्यायालय की शरण में भी जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मार्च 2025 में परिणाम घोषित होने के बावजूद, जून का एक पखवाड़ा बीतने तक भी पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इससे सैकड़ों योग्य चिकित्सक बेरोजगारी और आर्थिक संकट झेल रहे हैं। इसका विपरीत असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है।