Kidney Stones : किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह न केवल किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि बार-बार दोबारा भी हो सकती है। किडनी पथरी विशेषज्ञ बताते हैं कि किडनी में पथरी बनने के तीन प्रमुख कारण होते हैं, कम पानी पीना, ज्यादा नमक वाला भोजन और शरीर में मिनरल्स का असंतुलन।
क्या है किडनी स्टोन?
किडनी के अंदर जब कैल्शियम, ऑक्सलेट या यूरिक एसिड जैसे मिनरल्स आपस में चिपककर ठोस क्रिस्टल बनाते हैं, तो इसे किडनी स्टोन कहा जाता है। शुरू में ये क्रिस्टल छोटे होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे बड़े टुकड़ों में बदल जाते हैं। जब ये यूरिन नली में पहुंचते हैं, तो तेज दर्द, जलन और ब्लॉकेज जैसी परेशानी होती है।
किडनी स्टोन के चार प्रमुख
कैल्शियम स्टोन
यूरिक एसिड स्टोन
स्ट्रूवाइट स्टोन
सिस्टीन स्टोन
किडनी में पथरी बनने के कारण
कम पानी पीना : किडनी पथरी विशेषज्ञ के अनुसार, जब शरीर में पानी की कमी होती है तो यूरिन गाढ़ा हो जाता है। यह गाढ़ापन मिनरल्स को एक साथ चिपकने में मदद करता है और धीरे-धीरे पथरी बनने लगती है।
ज्यादा नमक वाला खाना : अधिक सोडियम लेने से शरीर में कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ जाता है, जिससे किडनी में कैल्शियम क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ जाती है।
मिनरल्स का असंतुलन : कुछ लोगों के शरीर में ऑक्सलेट या यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनता है। यह यूरिन के जरिए बाहर न निकलकर जमा होने लगता है, जिससे पथरी बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
अन्य जोखिम कारक
परिवार में किसी को किडनी स्टोन की समस्या रही हो तो जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, मोटापा और डायबिटीज, बहुत मीठा या प्रोसेस्ड खाना, अत्यधिक चाय, कॉफी या शक्कर का सेवन, हाई प्रोटीन डाइट, पेशाब को बार-बार रोकना, कुछ दवाओं का लंबे समय तक सेवन भी पथरी की संभावना को बढ़ाते हैं।
कैसे करें बचाव?
दिनभर में कम से कम 8–9 गिलास पानी पिएं।
नमक, पैकेज्ड और फास्ट फूड की मात्रा कम करें।
पालक, चॉकलेट, नट्स जैसी ऑक्सलेट युक्त चीजें संतुलित मात्रा में लें।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार कैल्शियम की मात्रा नियंत्रित रखें।
पेशाब को कभी न रोकें।
नियमित रूप से यूरिक एसिड और किडनी फंक्शन टेस्ट कराते रहें।