Cannes Film Festival 2025: कान्स फिल्म के 78वें फेस्टिवल में इस बार भारत और खासकर मध्य प्रदेश का नाम गर्व से गूंजा। बता दें कि कान्स फेस्टिवल विश्व सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित मंचों में शुमार हैं। जहां पर फिल्म ‘होमबाउंड’ को "अन सर्टेन रिगार्ड" सेक्शन में चुना गया है। ये मूवी निर्देशक नीरज घेवान के निर्देशन में बनी है। इस सेक्शन में दुनियाभर की उभरती सिनेमा शैलियों और निर्देशकों को जगह मिलती है। इस सेक्शन में शामिल होने वाली होमबाउंड एकमात्र भारतीय फिल्म है।
भारतीय फिल्म का अभिनंदन :
फिल्म के प्रीमियर के दौरान अंतरराष्ट्रीय दर्शकों, फिल्मकारों और समीक्षकों ने 9 मिनट तक खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस भारतीय फिल्म का अभिनंदन किया। यह न केवल फिल्म की कलात्मक उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि भारतीय सिनेमा के वैश्विक स्तर पर उभरते प्रभाव की भी पुष्टि है।
फिल्ममेकर्स का बना पसंदीदा लोकेशन:
फिल्म का अधिकांश हिस्सा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उसके आसपास के इलाकों में फिल्माया गया है। भोपाल के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक विरासत और शहरी परिवेश ने फिल्म को विशिष्ट दृश्य भाषा दी है। इस उपलब्धि ने मध्य प्रदेश को एक ‘फिल्ममेकर्स की पसंदीदा लोकेशन’ के रूप में स्थापित कर दिया है।
सरकारी नेतृत्व की सराहना:
संस्कृति और पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने होमबाउंड फिल्म की तारीफ की है। कहा, मध्य प्रदेश की विविधता और सिनेमा-फ्रेंडली वातावरण ने फिर साबित कर दिया है कि हमारा प्रदेश वैश्विक सिनेमा का हॉटस्पॉट बन चुका है।मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा, हमने फिल्म निर्माताओं के लिए ‘ईज़ ऑफ शूटिंग’ सुनिश्चित किया है। एक मजबूत फिल्म ईको-सिस्टम के कारण मप्र अब यह फिल्म स्थानीय टैलेंट को सहयोग, सिंगल विंडो परमिशन,और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की पहली पसंद बनने लगा है।
ग्लोबल फिल्म डेस्टिनेशन बना MP:
होमबाउंड की सफलता यह दर्शाती है कि मध्य प्रदेश सिर्फ पर्यटन का नहीं, अब सिनेमा का भी केंद्र बन चुका है। यहाँ का वातावरण, संस्कृति और प्रशासनिक समर्थन आने वाले समय में और भी बड़े प्रोजेक्ट्स को आकर्षित करेगा।
मार्टिन स्कॉर्सेसे ने दिखाई सहभागिता:
अंतरराष्ट्रीय सत्र पर होमबाउंड फिल्म की प्रतिष्ठा तब और बढ़ी जब अमेरिकी फिल्म निर्देशक और ऑस्कर विजेता मार्टिन स्कॉर्सेसे ने इस प्रोजेक्ट से अपनी रचनात्मक सहभागिता दिखाई हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर फिल्म को और भी अधिक गंभीरता से लिया गया है।