first woman agniveer : बोरीगारका गाँव की रहने वाली हिशा बघेल राज्य की पहली महिला अग्निवीर बनी है। अग्निवीर बनकर हिशा कल पहली बार अपने घर लौटी है जहाँ गाँव वालों ने रोड शो निकालकर हिशा का भव्य स्वागत किया है। अग्निवीर प्रशिक्षण के दौरान हिशा के पिता की कैंसर से मौत हो गयी थी जिससे उसकी बेटी हिशा अनजान थी। और जब अपना प्रशिक्षण पूरा करके वापस गाँव आई तब उसे अपने पिता की निधन की खबर लगी है।
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पिता की निधन की खबर को उसके परिवार वालों और गाँव वालों ने हिशा से छिपाकर रखा था। हिशा की पिता की इच्छा के अनुसार हिशा का भाई उसे दुर्ग रेलवे स्टेशन से गाडी में बिठाकर गाँव लेकर आता है। गाँव पहुँचने पर हिशा परेड करते हुयी अपने घर पहुँचती है और अपनी माँ के गले लगकर रोने लगती है फिर अपने पिता की तस्वीर में श्रद्धांजलि अर्पित करती है। हिशा ने अपने आप को काफी रोक कर रखा ताकि परिवार के बाकी सदस्य दुखी न हो उन्होंने अपने आंसुओं को रोकने के लिए काला चश्मा पहना हुआ था, लेकिन अपनी मां को देखते ही वह रोने लगीं। पूरे गांव वालों को पहले से पता था कि उनके गांव का नाम रोशन करने वाली बेटी हिशा बघेल 16 अप्रैल को दुर्ग आ रही हैं। इसलिए उन्होंने उसके स्वागत की तैयारी पहले से कर ली थी।
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