True Love: हम सभी की जिंदगी में कभी न कभी प्यार जरूर होता है। सच्चा प्यार एक ऐसा एहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। प्यार के भावो को शब्दों में बयां करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है क्योंकि प्यार एक पल, एक नजर में होकर प्यार दिल में समा जाता है और हर इंसान के लिए प्यार की परिभाषा और उसका मतलब अलग-अलग भी होते है। ऐसे में लोग प्यार और आकषर्ण के बीच का फर्क नहीं समझ पाते और अक्सर अपनी फीलिंग को लेकर कंफ्यूज रहते है। तो चलिए आज हमको कुछ ऐसे फर्क बताने जा रहे है। जिसे जानकर आपको भी शायद इस वैलेंटाइन अपने सच्चे प्यार हो पहचान ले।
=आपकी बातों को सुनें:अगर आपका पार्टनर आपकी बातें ध्यान से सुनता है, आपकी बातों को सीरियसली लेता है, तो इसका मतलब है कि वह आपसे सच में प्यार करता है तो यह सच्चे प्यार का संकेत होता है.
=हमेशा आपके साथ रहे खड़े:एक सच्चा पार्टनर वही होता है, जो हर स्थिति में आपके साथ खड़ा रहता है. अगर आपका पार्टनर आपकी खुशी-दुख में साथ निभाता है. आपकी खुशी में खुश होता है, उसे सेलिब्रेट करता है और दुख में आपको हिम्मत देता है. यह समझ लें ये सच्चा प्यार है.
=तबियत का रखें ख्याल:जब आप बीमार पड़ते हैं, तो आपके पार्टनर का प्यार आसानी से देखा जा सकता है. अगर आपके बीमार पड़ने पर आपका पार्टनर आपका पूरा ख्याल रख रहा है, आपको समय पर दवाई और खाना दे रहा है. आपको खाने के लिए हेल्दी चीजें देता है, तो इसका मतलब है कि वह आपके बेपनाह प्यार करता है.
=आपके पार्टनर का प्यार अगर सच्चा है तो उसे दुनिया या अपने घर वालों के सामने इसे कबूल करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। आपके पार्टनर को तो इसमें परेशानी नहीं है।
=कहीं आपका पार्टनर हर वक्त सिर्फ सेक्स के लिए जोर तो नहीं डालता? अगर ऐसा है तो यह प्यार नहीं सिर्फ जिस्मानी आकर्षण है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो समझ जाए की ये सच्चा प्यार नहीं है।
=आप दोनों लड़कर- झगड़कर ढेर सारी बहस करने के बाद भी अंत में सारी बातें भूलकर एक दूसरे को माफ कर देते हैं क्योंकि आपको लगता है कि वह जैसा भी है आपका अपना है और आप उसे छोटी-मोटी बातों के लिए उसे कभी नहीं छोड़ सकते हैं।
=आपको उस शक्स की हर बुराई और बचकानी हरकत को भी आप उसकी मासूमियत समझकर भूल जाते हैं आपको उसकी गलतियों पर भी आपको प्यार आने लगता है यह अक्सर तब होता है जब आप सच्चे प्यार में बहुत ज्यादा चले जाते हैं।
=उस शक्स के लिए आप अपनी प्यारी से प्यारी चीज को भी देने से नहीं हिचकीचाते हैं जैसे मानो उसके सपने आपके खुद के अपने सपने बन जाते हैं और आप उन सपनों को पूरा करने के लिए उतने ही प्रयास करते हैं जितने कि आप खुद के सपने पूरे करने के लिए करते हैं।