MP Bjp Politics : मध्यप्रदेश बीजेपी इन दिनों राजनीतिक संकट से जूझ रही है। अपनी ही सरकार के खिलाफ उसके कई विधायक खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, नड्डा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से सख्त लहजे में बात की और साफ कहा कि जो विधायक सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उन्हें तत्काल कड़ा संदेश दिया जाए।
विधायकों का बढ़ता असंतोष
गुना से भाजपा विधायक पन्ना लाल शाक्य ने खुलकर कहा कि स्थानीय प्रशासन उनकी नहीं सुनता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति से होने की वजह से उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह बयान पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसी तरह शिवपुरी के विधायक देवेंद्र जैन ने स्थानीय प्रशासन और एक एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उनके विरोध के बाद एसडीएम को हटाया गया, लेकिन जैन इससे संतुष्ट नहीं हैं और आगे की कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
तो वही पिछोर विधायक प्रीतम लोधी लंबे समय से पार्टी नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पार्टी की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया, लेकिन उनकी बयानबाजी में कोई बदलाव नहीं आया। इसके अलावा सोहागपुर से विधायक विजयपाल सिंह और मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पटेल ने यहां तक कह दिया कि उन्हें पुलिस से धमकियां मिल रही हैं।
भूपेंद्र सिंह के आरोप से बढ़ा विवाद
खुरई से विधायक और पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने तो हाल ही में बड़ा दावा कर दिया कि भाजपा कांग्रेस और कांग्रेस से बीजेपी में आए कुछ लोग उन पर 'तंत्र-मंत्र' से हमला कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह सब उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को रोकने के लिए किया जा रहा है।
भाजपा के लिए मुश्किल फैसला
पार्टी सूत्रों की मानें तो कई नाराज विधायक संगठन के ताकतवर नेताओं के करीबी हैं, जिससे उन पर कार्रवाई करना पार्टी के लिए जोखिमभरा हो सकता है। बड़े विवाद से बचने के लिए भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। हालांकि, नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो सख्त कदम उठाए जाएंगे।