रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी और डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले में फंसे आईएएस अधिकारी रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को यह शर्त दी है कि वे छत्तीसगढ़ राज्य छोड़ देंगे और जांच एजेंसियों को सहयोग देंगे। कोर्ट ने यह भी साफ कहा है कि यदि किसी भी आरोपी ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की, तो राज्य सरकार जमानत रद्द करने के लिए अदालत में अपील कर सकती है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी गवाहों को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। यदि किसी भी स्तर पर यह पाया जाता है कि आरोपी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं या किसी गवाह पर दबाव डाल रहे हैं, तो छत्तीसगढ़ सरकार सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत रद्द करवाने के लिए पुनः आवेदन कर सकती है।
क्या है डीएमएफ घोटाला?
डीएमएफ फंड से जुड़े इस घोटाले की जांच में सामने आया कि अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से टेंडर देने के नाम पर भारी कमीशन लिया गया। ठेके की राशि का 25 से 40 प्रतिशत हिस्सा नकद में कमीशन के रूप में वसूला जाता था। बिना रिश्वत के किसी को भी टेंडर नहीं दिया जाता था।
जांच एजेंसियों ने बताया कि यह पूरा नेटवर्क एक संगठित तरीके से चलाया गया, जिसमें अधिकारी, कारोबारी और बिचौलिए शामिल थे।
प्रमुख आरोपी और मिलीभगत:
रानू साहू, जो उस समय कोरबा की कलेक्टर थीं, पर पद का दुरुपयोग कर टेंडर घोटाले को बढ़ावा देने का आरोप है।
माया वारियर और एनजीओ प्रमुख मनोज द्विवेदी के साथ उनका गठजोड़ सामने आया।
ईडी ने इनकी 23.79 करोड़ की संपत्ति जब्त की, जो डीएमएफ फंड के दुरुपयोग से अर्जित बताई गई।
घोटाले का पूरा नेटवर्क:
टेंडर देने के बदले ठेकेदारों से मोटी रकम वसूली जाती थी।
कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं, जिनके नाम पर टेंडर लिया गया।
छापों में 76.5 लाख नकद, 35 लाख बैंक खातों में और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी मामलों को एक साथ जोड़ते हुए एक ही सुनवाई में सभी आरोपियों को जमानत दे दी। हालांकि, कोर्ट ने कड़ी निगरानी के आदेश भी दिए हैं और कहा है कि अगर आरोपी जांच को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, तो जमानत रद्द की जा सकती है।