Chhattisgarh Politics: पुरे देश में सबका गर्मी से हाल बेहाल है और अब राजनीती में भी कुछ ऐसा हो रहा जिससे राजनीति गरमाई हुई है. फिलहाल तो देश में नये संसद भवन को लेकर वार पलटवार किये जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के तरफ से नये संसद भवन का उदघाटन प्रधानमंत्री के बजाय राष्ट्रपति से कराने की मांग की है। इसके लिए हाल ही में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में दाखिल हुए नेता नंदकुमार साय ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इन सब के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर कांग्रेस की इस मांग को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।
रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा:
केंद्र में कई दशकों तक @INCIndia सत्ता में थी तब किसी आदिवासी समाज के व्यक्ति को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का दायित्व प्राप्त नहीं हुआ। आज जब माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में देश समानता और अंत्योदय के पथ पर अग्रसर है तब कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ उठ रही है।
सीएम भूपेश बघेल ने कसा तंज:
अब रमन सिंह के इस ट्वीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए लिखा स्मृति मनुष्य के जीवन संचालन का आवश्यक अवयव है, यदि इसमें कमी आने लगे तो योग और प्राणायाम की शरण में तुरंत चले जाना चाहिए, नकारात्मकता और कुंठा से दूर हो जाना चाहिए रमन सिंह जी। लोकतंत्र के लिए गौरव का विषय है कि दलित समुदाय से आने वाले आदरणीय के आर नारायण जी देश के राष्ट्रपति रहे और मीरा कुमार जी लोकसभा की अध्यक्ष रहीं।
आदिवासी समुदाय से आने वाली श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी हमारी संवैधानिक अभिभावक हैं। उनके हाथों लोकतंत्र की पंचायत का उद्घाटन होना आदिवासी समुदाय ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का पल होगा। मेरा अनुरोध है कि भाजपा के 'राष्ट्रीय उपाध्यक्ष' के रूप में आप भी प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर आग्रह करें। ऐसा करने से हो सकता है कि आपको छत्तीसगढ़ के वो आदिवासी भी माफ कर दें जिन्हें आपके शासन में नक्सली बताकर जेल में डाला गया था, जिन बच्चों को नक्सली बताकर गोली से मार दिया गया।
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