रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर, रविवार से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र विशेष महत्व रखता है क्योंकि नवा रायपुर के नए विधानसभा भवन में यह पहला पूर्ण सत्र होगा। शुरुआती तौर पर यह सत्र 17 दिसंबर तक चलने वाला था, लेकिन अब इसकी अवधि बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
वंदे मातरम पर विशेष चर्चा के लिए सत्र बढ़ाया जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक सत्र को एक दिन बढ़ाकर 19 दिसंबर तक किया जा सकता है। 18 दिसंबर को अवकाश रहेगा और 19 दिसंबर को सदन में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा प्रस्तावित है। यह बदलाव मुख्य रूप से इसी चर्चा को ध्यान में रखकर किया गया है।
संसद की तर्ज पर विधानसभा में आयोजन
वंदे मातरम के 150वें वर्ष के अवसर पर संसद में पहले ही इस विषय पर चर्चा हो चुकी है। अब छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी इस गीत के ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व पर चर्चा की जाएगी। सरकार के अनुसार यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश को जोड़ने का बड़ा प्रतीक रहा।
पहले दिन कांग्रेस का बहिष्कार
शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही राजनीतिक टकराव दिखाई देगा। कांग्रेस ने 14 दिसंबर को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि सरकार ‘विजन 2047’ के नाम पर जनता को भ्रमित कर रही है।
जन मुद्दों और विजन 2047 पर कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में धान खरीदी, बढ़ते बिजली बिल, भ्रष्टाचार, प्रदूषण और शिक्षा विभाग में भर्ती नियमों के उल्लंघन जैसे मुद्दों पर सरकार जवाब देने से बच रही है। यही कारण है कि पार्टी पहले दिन सदन से बाहर रहकर विरोध जताएगी।
सत्र में 628 सवाल और प्रस्ताव
इस सत्र के दौरान विधायकों ने कुल 628 सवाल दायर किए हैं, जिनमें बड़ी संख्या तारांकित प्रश्नों की है। इसके अलावा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अशासकीय संकल्प भी पेश किए जाएंगे। ऐसे में यह सत्र विधानसभा के लिए गरमाहट भरा रहने वाला है।