Delhi: अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा कि भारतीय शतरंज 'स्वर्ण युग' में प्रवेश कर चुका है और देश में दो साल के अंदर 100 से भी अधिक ग्रैंडमास्टर होंगे। भारतीय शतरंज की बात की जाए तो इसमें वर्षों तक पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का दशक में इसमें बदलाव आया है क्योंकि आर प्रज्ञानानंदा, डी गुकेश और अर्जुन एरिगेसी जैसे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर काफी तेजी से प्रगति कर रहे हैं।कपूर ने कहा, 'पहले एक ही खिलाड़ी विशी (आनंद) था लेकिन मेरा मानना है कि अब भारत में शतरंज का स्वर्ण युग शुरु हो गया है।
आनंद खेल के दिग्गज खिलाड़ी हैं। वह भारतीय शतरंज का चेहरा हैं। लेकिन अब हमारे पास कई चेहरे होंगे जो भारतीय शतरंज के लिए बहुत अच्छा होगा। भारत को अपना 83वां ग्रैंडमास्टर इस साल जुलाई में आदित्य सामंत के रूप में मिला और कपूर का कहना है कि कि देश को जल्द ही अपना 100वां ग्रैंडमास्टर मिलेगा। उन्होंने कहा, 'कई पुरुष और महिला खिलाड़ी सामने आ रहे हैं। हमारे पास अभी 83 जीएम हैं और दो साल में हमारे पास कम से कम 100 या 100 से ज्यादा ग्रैंडमास्टर हो जाएंगे।'
प्रज्ञानानंदा ने रचा इतिहास:
प्रज्ञानानंदा ने हाल में फिडे विश्व कप में रजत पदक के प्रदर्शन के दौरान
दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा और तीसरे नंबर खिलाड़ी फैबियानो कारूना को पराजित किया। वह फाइनल में खेलने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए और साथ ही कैडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे युवा खिलाड़ी भी बने। यह पहली बार था जब चार भारतीय खिलाड़ियों प्रज्ञानानंद गुकेश, एरिगेसी और विदित गुजराती ने विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। पिछले साल भारत ने ओलंपियाड की सफल मेजबानी के दौरान पुरुष और महिला दोनों वर्गों में कांस्य पदक जीता था।