शैक्षणिक सत्र 2026-27 से पहले सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए नई किताबें उपलब्ध होंगी। इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) तेजी से काम कर रही है। संस्था ने सभी विषयों की किताबें तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की अलग-अलग समितियां गठित की हैं।
एनसीईआरटी के अनुसार, नई किताबें नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर तैयार की जा रही हैं, जिसमें एक्टिविटी-बेस्ड लर्निंग और ग्राफिक्स के माध्यम से सिखाने पर विशेष जोर दिया गया है।
अब तक 8वीं तक की नई किताबें जारी, अगले चरण में सेकेंडरी कक्षाएं
बीते सत्रों में चरणबद्ध तरीके से नई किताबें जारी की गई हैं। 2024-25 सत्र में बाल वाटिका, कक्षा 1, 2, 3 और 6 की किताबें लाई गई थीं। 2025-26 सत्र में कक्षा 4, 5, 7 और 8 की नई किताबें जारी की गई हैं। अब तक पहली से लेकर आठवीं तक की नई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। अगला चरण सेकेंडरी (9वीं-10वीं) और सीनियर सेकेंडरी (11वीं-12वीं) कक्षाओं का होगा।
एनसीईआरटी ने टाइमलाइन तय की है —
कक्षा 9वीं और 11वीं की अधिकतर किताबें फरवरी 2026 तक आ जाएंगी। जबकि 10वीं और 12वीं की सभी किताबें जुलाई 2026 तक उपलब्ध होंगी।
क्या है ब्रिज कोर्स और क्यों है जरूरी
ब्रिज कोर्स का उद्देश्य छात्रों को नई शिक्षा नीति (NEP) और नए सिलेबस की जानकारी देना है। यह एक प्रकार का ट्रांजिशन प्रोग्राम है जो छात्रों को अगले शैक्षणिक स्तर के लिए तैयार करता है।
इसमें छात्रों को नई किताबों के कंटेंट, विषयवार बदलाव और अध्ययन विधियों से परिचित कराया जाता है। शिक्षकों को भी नए पैटर्न पर ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे छात्रों को प्रभावी तरीके से पढ़ा सकें।
कक्षा 9 के छात्रों को नहीं करना होगा ब्रिज कोर्स
एनसीईआरटी के अनुसार, आगामी सत्र में कक्षा 9 में प्रवेश करने वाले छात्रों को ब्रिज कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि वे पहले से ही नई किताबों (कक्षा 8 तक) से पढ़ाई कर चुके होंगे।
हालांकि, कक्षा 10वीं के छात्र, जो इस समय पुराने सिलेबस से पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें अगले वर्ष नई किताबों से पढ़ाई शुरू करने से पहले 6 सप्ताह का ब्रिज कोर्स करना होगा। वहीं, कक्षा 11वीं में प्रवेश लेने वाले छात्रों को भी ब्रिज कोर्स के माध्यम से नए सिलेबस के अनुरूप तैयार किया जाएगा।