Budhni By-Election : भारत को एनडीए की सरकार मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी इस सरकार ने जवाहरलाल नेहरू के लगातार तीन बार सरकार बनाने के कीर्तिमान की बराबरी कर ली है। विपक्षी दल मोदी सरकार को मिलीजुली सरकार बता रहे है तो बैसाखी वाली सरकार बताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बार सहयोगी दलों को भी जिम्मेदारी से साथ लेकर चलना होगा। पीएम मोदी ने कई राजनीति के अनुभवी सांसदों को अपनी सराकर में शामिल किया है, लेकिन ये अनुभवी लोकसभा चुनाव से पहले अपने पिछले पद का निर्भाह कर रहे थे।
मध्यप्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक शिवराज सिंह चौहान बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट विदिशा लोकसभा से सांसद का चुनाव जीते है। शिवराज सिंह को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। मध्यप्रदेश की राजनीति करने वाले शिवराज अब देश की राजनीति करते नजर आएंगे, लेकिन शिवराज सिंह चौहान को बुधनी विधानसभा सीट से विधायकी से इस्तीफा देना होगा। अगर शिवराज सिंह बुधनी सीट से इस्तीफा देते है तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर बुधनी से कौन होगा उम्मीदवार?
दरसअल, मध्यप्रदेश के 6 बार के विधायक, 6 बार के सांसद और करीब 4 बार मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने मोदी मंत्री मंड़ल मं छठे नंबर पर शपथ ली। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान केन्द्र में बड़ी भूमिका में नजर आएंगे और उन्हें अपनी बुधनी विधानसभा सीट छोड़ना होगा। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बुधनी से शिवराज सिंह की जगह कौन लेगा? इसको लेकर कई नाम समाने आए है। चर्चा तो यह भी है कि शिवराज के पुत्र कार्तिकेय इस सीट से उम्मीदवार हो सकते है, लेकिन वे चुनाव लड़ने से पहले ही इनकार कर चुके है।
बुधनी विधानसभा से कौन?
बुधनी सीट से विदिशा लोकसभा से पूर्व भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव का नाम तेजी से चर्चा में बना हुआ है। रमाकांत भार्गव वरिष्ठ नेता है, वे शिवराज सिंह के करीबी नेताओं में से एक है। इसके अलावा बीजेपी ने विदिशा लोकसभा से भार्गव का टिकट काटकर शिवराज सिंह को दिया था। ऐसे में बीजेपी रमाकांत भार्गव को बुधनी उपचुनाव के दंगल में उतार सकती है। यह भी बता दें कि रमाकांत भार्गव 70 साल के हो चुके है। वे शिवराज सिंह की पहली पंसद भी हो सकते है।
ये भी संभावित दावेदार?
बुधनी सीट से कार्तिकेय सिंह चौहान, पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव के अलावा शिवराज सिंह के करीबी और सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय का नाम चर्चा में बना हुआ है। वही सीहोर जिले के भाजपा अध्यक्ष रवि मालवीय, पूर्व जिलाध्यक्ष रघुनाथ भाटी और पूर्व वन विकास निगम अध्यक्ष गुरू प्रसाद शर्मा संभावित दावेदार माने जा रहे है।