भोपाल : लंबे समय बीना को जिला बनाने की मांग अब अंतिम रूप देने की तैयारी कर ली गई है। आगामी 28 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीना प्रवास के दौरान उसे जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं। मंत्रालय में बीना को जिला बनाने की फाइल बहुत तेजी से चल रही है। यदि कोई बड़ी आपत्ति नहीं आई तो 28 को बीना प्रदेश का 56वां जिला घोषित हो जाएगा।
बीना विधानसभा उप चुनाव के लिए मुख्यमंत्री की यह घोषणा बड़ा दांव साबित हो सकती है। बीना को जिला बनाने में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए कवायद तेज हो गई है। जिले का नाम बीना-खुरई भी किया जा सकता है। इसका मुख्यालय बीना-खुरई के बीच में बनाया जाएगा। इससे खुरई को जिला बनाने की मांग को भी पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के विधानसभा से इस्तीफा देने कारण वहां उप चुनाव होगा। निर्मला सप्रे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं। भाजपा से उन्हें टिकट मिलना तय है। बीना खुरई को जिला बनाने से सागर जिले के नेताओं में चल रही आपसी खींचतान भी कम हो सकती है। वर्तमान में सागर जिले में खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अलावा पंडित गोपाल भार्गव तथा भूपेन्द्र सिंह भाजपा के दिग्गज नेता हैं। जिनका अपना खुद जिले में बड़ा वजूद है।
चुनावी साल में बनते गए नए जिले
छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद मध्य प्रदेश में हर चुनावी साल में नए जिले बनाने का दौर जारी रहा। 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने शहडोल से अलग करके अनूपपुर, खंडवा से अलग करके बुरहानपुर और गुना से अलग करके अशोकनगर को जिला बनाया। इस तरह जिलों की संख्या 45 से बढ़कर 48 हो गई। 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर दो नए जिले बनाए। जिसमें झाबुआ जिले अलग करके अलीराजपुर को जिला बनाया। जबकि सीधी जिले से अलग करके सिंगरौली को नया जिला बनाया।
इस तरह से जिलों की संख्या 48 से बढ़कर 50 हो गई। 2013 में सीएम शिवराज ने शाजापुर जिले से अलग करके आगर-मालवा को नया जिला बनाया। जो प्रदेश का 51 वां जिला था। इसके बाद 2018 के चुनाव से पहले टीकमगढ़ से अलग करके निवाड़ी को नया जिला बनाया गया था। इस तरह से प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 52 हो गई थी। इसके बाद मउगंज और मैहर तथा पांढूना को जिला बनाए जाने के बाद मप्न में जिलो की संख्या 55 हो गई है।
अब यहां से उठ रही मांग
फिलहाल कई और जिलों को तोड़कर नए जिलों की मांग उठ रही है। जिनमें सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, बागली, लवकुश नगर, सिरोंज, जावरा, ओंकारेश्वर-बढ़वाह को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है।