भोपाल। जिला पंचायत में अध्यक्ष, सदस्य और जिला पंचायत के सीईओ ऋतुराज सिंह की कलह बुधवार को सामने आ गई। दरअसल, बुधवार को जिला पंचायत में साधारण सभा की बैठक शुरू करते ही शिक्षा विभाग के एजेंडे पर चर्चा शुरु की गई। जिसको लेकर अध्यक्ष रामकुंवर गुर्जर और उपाध्यक्ष मोहन जाट ने डीईओ अंजनी कुमार त्रिपाठी के खिलाफ चार महीने पहले पारित किए गए निंदा प्रस्ताव को लेकर सवाल किया। सीईओ ने बताया कि फाइल कलेक्टर के यहां है।
अध्यक्ष ने कहा कि आप सदन को गुमराह कर रहे हैं। अध्यक्ष की नाराजगी को देखते हुए अन्य सदस्य भी सीईओ पर भड़क गए, उन्होंने सदस्यों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। विवाद इतना बढ़ा कि अध्यक्ष और सदस्य बैठक छोड़कर चले गए। जिसके बाद पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल से मिलकर अफसरों की शिकायत दर्ज कराई। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों का आरोप है कि सीईओ विकास कार्यों समेत अन्य मुद्दों पर अपनी मनमानी करते हैं। जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों ने सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया है।
अध्यक्ष ने बताया कि सीईओ किसी की नहीं सुनते हैं। इसलिए निंदा प्रस्ताव लाए हैं। उपाध्यक्ष मोहन जाट ने कहा कि डीईओ अंजनी त्रिपाठी के विरुद्ध पिछली बैठकों में निंदा प्रस्ताव लाए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए विरोध जताया है। सदस्य विनय मैहर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के कोई काम नहीं हो रहे हैं। इसलिए यह विरोध किया है। बैठक नहीं होने से वे गांव से जुड़े पानी, सड़क, नाला-नाली निर्माण, बिजली कनेक्शन समेत जनता से जुड़े अन्य विषय नहीं उठा पा रहे थे। इसलिए बुधवार को होने वाली बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होनी थी।
सदस्यों के साथ नहीं देंगे पतियों को अनुमति: सीईओ
सीईओ ऋतुराज ने कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों के पतियों द्वारा हस्तक्षेप न किया जाए, लेकिन उन्होंने बैठक में लगातार हंगामा किया। इसलिए बैठक नहीं चलाई जा सकी। जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया था कि वे खुद शामिल हों, अपने प्रतिनिधि को शामिल नहीं करें, लेकिन इस बैठक में जनप्रतिनिधियों का रवैया ठीक नहीं था।
दोनों बैठकों में गायब रहे फंदा और बैरसिया के जनपद सीईओ
जिला पंचायत की दोनों ही बैठकों में फंदा और बैरसिया जनपद सीईओ भी नहीं पहुंचे। फंदा सीईओ शंकर पांसे और बैरसिया जनपद सीईओ दिलीप जैन को बैठक में आने के निर्देश दिए थे। उनके नहीं होने से भी जनप्रतिनिधियों का गुस्सा फूट पड़ा।