मुकेश प्रजापति, भेरूंदा : भेरूंदा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल लगातार फैलता जा रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की निगरानी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि बिना किसी वैध डिग्री और पंजीयन के स्वयं को डॉक्टर बताने वाले लोग खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं और आम जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
ताजा मामला ग्राम चमेटी का सामने आया है। यहां के निवासी शाहरुख खान ने करीब दो महीने पहले भेरूंदा नगर में संचालित हीरा क्लिनिक में इलाज कराया। क्लिनिक संचालक हीरा ने खुद को डॉक्टर बताते हुए दवाइयां दीं, लेकिन इलाज के कुछ ही समय बाद शाहरुख की तबीयत बिगड़ गई। दवाओं के रिएक्शन से उसे गंभीर स्किन डिजीज हो गई।
हालत बिगड़ने पर शाहरुख ने भोपाल के एक निजी अस्पताल में उपचार कराया, जहां डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि उसकी बीमारी गलत दवाइयों के कारण हुई है। इसके बाद जब पीड़ित युवक ने हीरा क्लिनिक संचालक से इस संबंध में बात की, तो समाधान देने के बजाय उसे धमकियां दी जाने लगीं।
पीड़ित शाहरुख खान ने पूरे मामले की शिकायत ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) को लिखित आवेदन देकर की है और जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में भी इसी झोलाछाप डॉक्टर का क्लिनिक तत्कालीन बीएमओ द्वारा सील किया गया था, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और कथित रसूख के चलते क्लिनिक दोबारा संचालित होने लगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में ऐसे कई झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं, जो बिना किसी डर के इलाज कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पीड़ित की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।