भोपाल : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्सिंग कालेजों के बाद अब पैरामेडिकल कॉलेजो की मान्यता पर रोक लगा दी है। जिसके चलते अब पैरामेडिकल कॉलेज को नई मान्यता नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं कोर्ट के फैसले तक एडमिशन की प्रक्रिया भी बंद रहेगी। दरसअल, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की डिवीज़नल बेंच ने आज दायर याचिक पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया।
24 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
इधर, हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मान्यता की पूरी कार्यवाही को हास्यास्पद और बेतुकी बताया। साथ ही इस केस पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को करने का फैसला लिया है । बता दें कि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ राजेंद्र शुक्ला, पैरामेडिकल काउंसिल के पदेन चेयरमैन हैं ।
मान्यता और प्रवेश का है मामला
दरअसल, एमपी में फर्जी नर्सिंग कॉलेज की तरह ही पैरा मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। बिना एफिलिएशन के ही पिछले दो साल से छात्रों को एडमिशन दिया जा रहा है। साल 2023-24 और 2024-25 के सत्र के लिए हजारों छात्रों को प्रवेश दिया गया। प्रदेश के एक भी पैरामेडिकल कॉलेज को आज तक विश्विद्यालय से सत्र 2023-24 की संबद्धता नहीं मिली है।
मान्यताओं में भी अनियमितताएँ
लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा दाखिल की गई नर्सिंग मामले की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पिछले दिनों एक आवेदन पेश कर कोर्ट को बताया गया था कि नर्सिंग की तरह पैरामेडिकल कॉलेजों के मान्यताओं में भी अनियमितताएँ की जा रही है।