INH SPECIAL: भोपाल। साउथ सिनेमा ने कुछ साल पहले एक फिल्म रिलीज की जिसकी कहानी कुछ ऐसी थी कि एक आदमी था जिसको भविष्य में जाकर बड़ा आदमी बनना था। फिल्म का नाम था "भैरवा" जिसके लीड रोल में थे थलापति विजय। इस फिल्म में विलन पहले कसाई बनता है, फिर उसके लिंक बड़े लोगों के साथ जुड़ने लगते हैं। फिर उन्हीं बड़े लोगों की मदद से वह शिक्षा, और एक्सटोरश्न, और तमाम काले धंधे शुरू कर देता है। हम साउथ सिनेमा की फिल्म का उदाहरण क्यों दे रहे है क्योंकि गैंगस्टर आदेश खामरा के जीवन की भी कहानी कुछ इस तरह ही है।
कौन है आदेश खामरा
मध्य प्रदेश की राजधानी की भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद आदेश खामरा जो सीधा साधा व्यक्ति जो अपनी छोटी सी दुकान पर बैठ कर लोगों द्वारा दिए गए कपड़ों की सिलाई करता, जिसके हांथ में सिलाई ऐसी कला की कई दर्जी उसकी कला को देखकर हैमस खा जाते, हसमुख मिजाज के कारण लोगों के बीच वह मुस्कुराहट की वजह बना। मगर उसके जीवन में ऐसा क्या हुआ कि उसने करीब 34 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। कई लोगों का कहना है कि वो एक खुंखार दरिंदा हो चुका था।
8 साल 34 कत्ल
आदेश खामरा दिन में अपनी हाथों की कला से लोगों को रंग बिरंगे कपड़े पहनाता, फिर रात में लोगों को कफ़न पहना दिया करता। करीब 8 सालों तक उसने लोगों को मौत के नींद सुलाने का काम किया। उसका शिकार अक्सर वे लोग होते जो रोज मर्रा की कमाई कर अपना जीवन काट रहे होते थे। उसके निशाने पर हमेशा क्लीनर और ट्रक ड्राइवर हुआ करते थे। खामरा उनकी हत्या कर लूटपाट करता और इसी तरह 8 सालों तक सिलसिला चलता रहा।
साल 2010
हिंदी मुहावरों में एक कहावत काफ़ी प्रचलित है, वो यह कि “पानी का गंदा कभी छुपता नहीं है, वह समय के हिसाब पानी की उपरी सतह पर आ ही जाता है”, ठीक वैसा ही हुआ। खामरा अब तक कई ट्रक ड्राइवरों को यमराज के दरवाजे के सामने छोड़ आया था। अब दौर आता है साल 2010 का, अब उत्तर भारतीय और उससे सटे राज्यों के ड्राइवरों और क्लीनरों की अचानक कत्ल होने लगे। अक्सर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, छत्तीसगढ उड़ीसा में आए दिन लावारिस लाशें बरामद होने लगीं। इन वारदातों ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी।
इन सभी कत्लों में एक बात समान थी। हर दिन कत्ल पर कत्ल हुआ करते और पुलिस हांथ खुजलाते रह जाती। क्योंकि सभी वारदातें हाईवे के पास हुआ करती थीं और पहले हाईवे पर काफ़ी कम मात्रा में सीसीटीवी कैमरे हुआ करते थे। पुलिस के हांथ खाली रह जाते कत्ल का सिलसिला जारी रहा। पुलिस के हाथ में केवल मायूसी थी और अपना खाली हांथ लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भटकती रही, लेकिन कहीं भी उस दरिंदे आदेश खामरा का सुराग नहीं मिला था।
फिर कैसे हुआ खुलासा
आखिरकार वो दिन आ ही गया जब इन सभी वारदातों से पर्दा उठा, भोपाल से ही नजदीक बिलखिरिया इलाके में एक ट्रक ड्राइवर की लाश मिली और इस लाश के पहले मिली लाशों के साथ वही कनेक्शन था जो इसमें था, पुलिस को इसके कातिल का भी सुराग मिल गया, मौके से लाश के एक युवक को गिरफ्तार किया, उससे पूछताछ की और आठ वर्षों के रहस्य का खुलासा हो गया। पूछताछ में युवक ने बताया कि इस कत्ल के पीछे एक आदमी नहीं बल्कि एक किलिंग गैंग है। इसका सरगना एक दर्जी है जो भोपाल में बैठकर लोगों के कपड़े सिलता है। उसका नाम आदेश खामरा है। जब पुलिस ने आदेश खामरा की दुकान पर दबिश दी तो पुलिस को उसकी आंखों पर ही भरोसा नहीं हुआ क्योंकि उसका मिजाज ही ऐसा था पुलिस को भरोसा करना कठिन था कि वो एक बेरहम अपराधी है।
पुलिस के मन में कई सवाल कौंध रहे थे कि आखिर सीधा साधा दर्जी एक खौफ़नाक सीरियल किलर कैसे और क्यों बन गया और उसने क्यों ट्रक ड्राइवरों को अपना शिकार बनाया ? मगर शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। पुलिस कुछ उस गिरफ्तार और पूछताछ कर पाती की आदेश खामरा अपना बोरिया बिस्तर समेंट कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर भाग गया। एक बार फिर खामरा ने पुलिस को चकमा दे दिया था, खामरा को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक टीम बनाई जिसको लीड कर रहे थे क्राइम एक्सपर्ट बिट्टू शर्मा, पुलिस बिना देरी किए खामरा के गांव सुल्तानपुर पहुंची और उसे गिरफ्तार किया।
खामरा देता था लोगों को मुक्ति
पुलिस ने आदेश को गिरफ्तार कर भोपाल लाई, फिर सिलसिला शुरू हुआ पूछताछ का, जिसमें आदेश ने ये कबूल किया कि उसने इन बीते 8 सालों में करीब 33 लोगों को मौत की नींद सुलाया है। खामरा ने कारण यह बताया कि वह लोगों को मुक्ति दे रहा था, क्यों कि उसे एक बड़ा आदमी बनना था और दुनिया में नाम करना था, ठीक उसी तरह जिस तरह फिल्म "भैरवा" के विलेन ने किया।
जब पुलिस को आदेश खामरा अपनी जुर्म की दास्तां सुना रहा था, उसके बाद पुलिस निशब्द हो गई पुलिस के पास कोई और सवाल ही नहीं बचा की वो उससे कुछ पूछ सके सीरियल किलर आदेश खामरा अपने मुंह बोले चाचा को 'गुरु' मानता था। अपराध करना, सबूत मिटाना, पुलिस को चकमा देना, वारदात के हर गुण उसने अपने गुरु से ही सीखे।
80 के दशक में उसके गुरु अशोक खांमरा की दहशत हुआ करती थी। वो ट्रक लूटने वालों का एक गिरोह चलाता था। उसी से प्रेरित होकर आदेश ने जुर्म की दुनिया में कदम रखा आज आदेश खामरा जेल में बंद है। इस वक्त उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसके हर गुनाह की अलग से सुनवाई चल रही है।