रायपुर: एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद अनुबंध सेवा कर रहे 18 डाक्टरों ने 25 लाख रुपये कीमत की जमीन सरकार के पास गिरवी रखी, वहीं 11 डाक्टरों ने इतनी राशि बैंक में जमा कर गारंटी ली है। नियम के मुताबिक पढ़ाई पूरी करने के बाद अगर डाक्टर अनुबंध सेवा पूरी नहीं करेंगे, तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी। यही नहीं, पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुपरस्पेशलिटी कोर्स की पढ़ाई करने के लिए 50 लाख रुपए अथवा उतने की संपत्ति की जरूरत होगी।
34 डाक्टरों ने अपनी जमीन अथवा राशि शासन के सामने गिरवी रखी :
नियम के मुताबिक शासकीय मेडिकल कालेज में डाक्टरी की पढ़ाई करने वालों को दो साल अनुबंध सेवा के तहत शासकीय हेल्थ सेंटरों में अनिवार्य रूप से अपनी सेवा देनी होती है। इसे लेकर पढ़ाई शुरू करने के पहले दस्तावेजी प्रक्रिया के तहत उन्हें नियम के पालन के लिए गारंटी देनी होती है। बांड सेवा के दौरान 34 डाक्टरों ने एमडी-एमएस की पढ़ाई के लिए आवेदन किया है और इसके लिए अपनी जमीन अथवा राशि शासन के सामने गिरवी रखा है।
राशि जब्त करने का अधिकार चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया है:
18 डाक्टरों ने राजस्व अधिकारियों से 25 लाख रुपए कीमती जमीन का मूल्याकंन कर संबंधित दस्तावेज अपने आवेदन के साथ जमा कराया गया है। वहीं 12 चिकित्सकों ने उतनी ही राशि बैंक में जमा कराने के बाद अनुबंध सेवा का पालन नहीं करने पर राशि जब्त करने का अधिकार चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिया है और चार लोगों ने गारंटी की प्रक्रिया दूसरे तरीके से पूरी की है। आने वाले दिनों में पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमसीएच एवं डीएम की पढ़ाई करने वालों को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी और इसके लिए उन्हें पचास लाख की बैंक गारंटी अथवा जमीन की व्यवस्था करनी पड़ेगी।
चिकित्सा छात्रों ने कहा- मौलिक अधिकार का हनन:
जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रेशम सिंह और सीजीडीएफ के डॉ. हीरा सिंह लोधी ने कहा कि यह शिक्षा के अधिकार का मौलिक हनन है। जमानत राशि जमा कराने के इस नियम का काफी समय से विरोध हो रहा है और छात्रों द्वारा इसे शिथिल करने की मांग की जा रही है। उनका तर्क है कि हर छात्र की माली हालत ऐसी नहीं होती, जिसके पास इतनी बड़ी राशि अथवा संपत्ति हो। इस वजह से की जिम्मेदार अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्री से कई बार मुलाकात की जा चुकी है, मगर अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सुधार कर मेरिट लिस्ट जारी, दो दिन दावा आपत्ति:
एमबीबीएस की बॉड पोस्टिंग की ऑनलाइन काउंसिलिंग के लिये सुधार कर मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई। प्रावीण्य सूची बनाने के लिए पिछले चार साल के प्राप्तांकों के आधार पर प्रतिशत तय करने के बाद तैयार किया गया है। 655 लोगों के इस लिस्ट पर 21-22 जून को दावा आपति मंगाई गई है। इस दौरान जगदलपुर में बाहरी डाक्टरों की नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया है। छत्तीसगढ़ डाक्टर फेडरेशन को स्थानीय चिकित्सकों ने बताया है कि बाहर क्षेत्र के चिकित्सकों की नियुक्ति की वजह से वहां बांड पोस्टिंग के लिए यहां पद रिक्त नहीं होना है।