जगदलपुर: देश से नक्सलवाद के खात्मे के ऐलान के बाद लगातार नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घट रही है। दरअसल केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक प्रदेश को नक्सलमुक्त करने का ऐलान किया है। जिसमें से देश के 90 नक्सल प्रभावित जिले घटकर वर्तमान संख्या 75 हो गई है। नक्सलमुक्त जिलों को बांटा तीन श्रेणी में बाटा गया है। जिसमें अति नक्सल प्रभावित, पूर्व नक्सल प्रभावित व नक्सल प्रभावित तीन श्रेणी में बांटा गया है। इन जिलों में नक्सलमुक्त होने के बाद भी फोर्स की तैनात किया गया है। इन इलाकों में जो क्षेत्र के विकास होने तक भी तैनात रहने वाले हैं। माओ प्रभावित जिले लगातार प्रदेश के मानचित्र से कम हो रहे हैं। फोर्स की प्रभावी कार्रवाई से प्रदेश ही नहीं वरन देश से भी नक्सल प्रभावित 90 जिले की संख्या लगातार कम हो रही हैं।
छह जिले हुए 'नक्सल' से मुक्त :
छग के 18 जिले पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गिने जाते थे। वर्तमान में ये कम होकर अब केवल 13 जिले ही बचे हैं। जिसमें से नक्सलमुक्त की श्रेणी में कोण्डागांव, बस्तर, धमतरी, गरियाबंद, अबांगढ़ चौकी और दंतेवाड़ा को रखा गया है, इन 6 जिले आते हैं जिनमें वहीं सामान्य रूप से प्रभावित नक्सल जिले में सूरजपुर कबीरधाम, व जशपुर सहित 6 जिलों के नाम शामिल हैं।
इन इलाकों खोले जाएंगे नए कैम्प :
इन इलाकों में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार आपरेशन चलाया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन के द्वारा शासन की कल्याणकारी योजनाओं को इन इलाकों में क्रियान्वयन करने से सफलत हो रहे हैं। वहीं जनता इस बीच अपने को असुरक्षित महसूस ना करें इसके लिए भी पुलिस चौकी और नए कैम्प खोले जाएंगे।
नक्सल प्रभावित इलाका :
वर्तमान में बस्तर से नक्सलियों को खदेड़ने के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में स्टेट के डीआरजी, बस्तर फाईटर व लोकल फोर्स के 20 हजार जवानों के अलावा लगभग 40 हजार केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल तैनात हैं।बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने निर्माण कार्य में बाधा डालने के उद्देश्य से इस मार्ग पर प्रेशर आईईडी बिछा रखा है, जिसकी चपेट में जवान आ गया। घटना के तुरंत बाद जवानों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और घायल जवान का उपचार किया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मनोज पुजारी की शहादत हो गई। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। आसपास के क्षेत्रों में संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और जंगल में सचिंग जारी है।
बैकफुट में नक्सली:
नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई का परिणाम है कि संभाग के बस्तर व कोंडागांव के बाद दंतेवाड़ा जिले से नक्सलियों का लगभग सफाया कर नक्सलमुक्त करने हम प्रयासरत है। नक्सली बैकफुट में है बहुत जल्द पूरे संभाग को नक्सलमुक्त कर लिया जाएगा जिसके लिए शासन की मंशानुरूप रणनीति के तहत हम नक्सलियों के सफाए के साथ ही क्षेत्र के विकास की नीति पर काम कर रहे हैं।
नक्सलमुक्त जिलों में भी रहेगी फोर्स तैनात:
केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 5 जिलों को नक्सलमुक्त की श्रेणी में रखा है लेकिन इन जिलों से फोर्स को नहीं हटाया जाएगा, इन जिलों के विकास के लिए एक ओर जहां फोर्स की तैनाती रहेगी।